नाबार्ड के लेखा संबंधी कार्यों का प्रबंधन 1982 से निधि और लेखा विभाग (एफएडी) द्वारा किया जाता था जिसे 2008 में लेखा विभाग के रूप में पुनर्गठित किया गया और तभी से लेखा विभाग परिचालन कर रहा है.
विभाग के मूल कार्य
I) केन्द्रीय लेखा अनुभाग
- लेखे को अभिलिखित करने और लेखाबहियों के रखरखाव के लिए लेखा नीतियाँ/ कार्यविधियाँ तैयार करना
- तिमाही अंतराल पर सीमित समीक्षा के कार्य को समय पर पूरा करने के लिए सांविधिक लेखापरीक्षकों के साथ समन्वय स्थापित करना
- जोखिम-भारित आस्तियों से पूँजी के अनुपात (सीआरएआर), अनर्जक आस्ति (एनपीए) खातों/ प्रावधानन आदि की तिमाही समीक्षा संचालित करना
- अर्धवार्षिक वित्तीय परिणामों की घोषणा करना
- प्रति वर्ष 31 मार्च की स्थिति के अनुसार सांविधिक लेखापरीक्षा संचालित करना
- बैंक का तुलन-पत्र और लाभ-हानि लेखा तैयार करना
- भारतीय लेखा मानकों के कार्यान्वयन के लिए परामर्शदाताओं के साथ समन्वय स्थापित करना.
बजट कक्ष
- प्रशासनिक व्यय (राजस्व और पूँजी) के लिए बजट तैयार करना
- तिमाही अंतराल पर अनुमोदित बजट के समक्ष प्रशासनिक व्यय की तुलना करना.
III) कॉर्पोरेट कर कक्ष
IV) अनुपालन
- सांविधिक लेखापरीक्षकों, संगामी लेखापरीक्षकों, बोर्ड की लेखापरीक्षा समिति आदि के प्रेक्षणों का अनुपालन प्रस्तुत करना
- भारतीय रिज़र्व बैंक को आवधिक विवरणियाँ प्रस्तुत करना.
V) केंद्रीकृत प्राप्ति वर्टिकल
- ऋणों की चुकौती, ब्याज के भुगतान और अन्य देय राशियों के लिए माँग जेनरेट करना और क्षेत्रीय कार्यालयों/ ग्राहकों के साथ अनुवर्तन करना
- ऋणीकरण और प्रशासनिक प्राप्तियों का केंद्रीकृत लेखांकन करना
- अतिदेय रिपोर्टों का अनुप्रवर्तन करना
- अर्धवार्षिक आधार पर ग्राहकों से शेष पुष्टि प्रमाणपत्र प्राप्त करना
- भुगतानों और प्राप्तियों के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों से संपर्क करना.
संपर्क विवरण
विनोद चंद्रशेखरन
महाप्रबंधक
दूसरा माला, ‘ई’ विंग
सी -24, ‘जी’ ब्लॉक
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व)
मुंबई -400051
टेली: 9297
ई-मेल पता: ad@nabard.org
आरटीआई के अंतर्गत सूचना – धारा 4(1)(बी)