वाराणसी में पान को शुभ माना जाता है. वाराणसी में पान के पत्तों को इस प्रकार उपचारित किया जाता है कि वे अन्यों की तुलना में अधिक कोमल हो जाते हैं. पत्तों के उपचार की इस प्रक्रिया को पकाना कहते हैं. वस्तुत: यह पत्तों को परिपक्व बनाने की प्रक्रिया है. यही कारण है कि बनारसी पान मुँह में घुल जाता है.
उत्पाद
बनारसी पान के पत्तों को एक अँधेरे कमरे में विशेष कोयले और लकड़ी का धुआँ दिया जाता है और बार-बार उसका परीक्षण किया जाता है. इससे पान के पत्ते, खास तौर पर मगही पान के पत्ते, न केवल विरंजित हो जाते हैं बल्कि मुँह में बड़ी मुलायमियत से घुल जाते हैं.
जीआई टैग
बनारसी पान को 2023 में जीआई टैग प्रदान किया गया.