चुनार पत्थर लाल-भूरे रंग और महीन कणों वाला एक मजबूत बलुआ पत्थर है, जिसका खनन उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में होता है. भारतीय वास्तुकला में चुनार पत्थर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है.
कलारूप
यह बलुआ पत्थर इसलिए खास है कि इसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ती. इसका उपयोग भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित सारनाथ के सिंह स्तंभ और अशोक स्तंभ में किया गया है. चुनार बलुआ पत्थर का भौतिक, रासायनिक और संरचनागत संघटन लगभग समरूप होता है, और परिणामस्वरूप पानी में वर्षों तक डूबे रहने के बाद भी खदान से निकला पत्थर अपना चिकनापन बनाए रखता है.
जीआई टैग
इस अनोखे पत्थर को 2019 में जीआई टैग प्राप्त हुआ।