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गाजीपुर वाल हैंगिंग (जूट वाल हैंगिंग)

गाज़ीपुर वॉल हैंगिंग को कपड़े और जूट के सुनहरे रेशे के अत्यंत महीन मिश्रण का उपयोग करके परंपरागत तरीके का इस्तेमाल करते हुए पूरी तरह से हाथ से बनाया जाता है यानी इसमें किसी उपकरण का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जाता।

कलारूप

विशेषज्ञ कारीगर रंगों के विविध संयोजनों का उपयोग करके इन पारंपरिक वॉल हैंगिंग की बुनाई करते हैं। वे कपास और जूट जैसे कई रेशों का मेल करते हैं जिससे उत्पाद को मजबूती तो मिलती ही है, उसकी बनावट में भी एक अलग तरह की विशिष्टता आती है। विभिन्न बनावटों का उपयोग शैलियों और डिजाइनों की प्रस्तुति में भी मदद करता है। बुनकरों का कौशल उनके द्वारा बनाए गए विविध प्रकार के डिज़ाइनों में अभिव्यक्त होता है जिनमें हिंदू देवी-देवताओं के अंकन से लेकर घरों, सहनों, वनों, प्रान्तरों, पशु-पक्षियों की शैलियों के विस्तृत परिदृश्य के चित्रण की कलाकारी प्रदर्शित की जाती है।

जीआई टैग

गाजीपुर वाल हैंगिंग को 2018 में सम्मानजनक जीआई टैग प्रदान किया गया।