ऊर्जावान शहर जोधपुर के केंद्र में स्थित, जोधपुर बंधेज शिल्प राजस्थान की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है. आकर्षक डिजाइन तैयार करने के लिए विविध सामग्री को सावधानीपूर्वक बाँधने और रँगने की श्रम-साध्य प्रक्रिया जोधपुर बंधेज शिल्प के मूल में है.
कलारूप
कपड़े पर साधारण बिंदुओं से लेकर जटिल घुमावदार शैलियों को उकेरने के लिए कुशल कारीगरों द्वारा सूती धागों का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हुए गाँठें इस प्रकार से लगाई जाती है कि इसके परिणामस्वरूप रँगाई करते समय कपड़े के गाँठ वाले हिस्से रंग का प्रतिरोध करते हैं और रंग-युक्त हिस्सों और रंगविहीन हिस्सों के बीच पारस्परिकता की छटा इस रँगाई कला की अपनी विशिष्टता है. जोधपुर बंधेज शिल्प की अनुकूलन-क्षमता इसकी सबसे अद्भुत विशेषताओं में से एक है. इस पद्धति से, विभिन्न बनावट वाले कपड़ों - जैसे सूती, रेशमी, ऊनी और सिंथेटिक - को अत्यंत आकर्षक वस्त्र/ परिधान में रूपांतरित किया जा सकता है.
जीआई टैग
इस जीवंत शिल्प को 2023 में जीआई टैग प्रदान किया गया.