भारतीय बटर ट्री (घी वाला पेड़) के उपनाम से प्रसिद्ध च्यूरा पेड़ कुमाऊँ च्यूरा तेल का स्रोत है. हिमालय क्षेत्र के मूल निवासियों का इस वृक्ष के साथ संबंध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व रखता है. सौंदर्य प्रसाधनों, औषधियों, मिष्टान्न और अन्य कई प्रयोजनों/ उद्योगों में च्यूरा तेल के उपयोग की भरपूर संभावना है.
उपज
आम तौर पर, च्यूरा के पेड़ पर पाँच से नौ साल की अवधि में फल लगना शुरू होता है. अप्रैल से जुलाई तक फल पकने की अवधि होती है. च्यूरा फल के सबसे भीतरी भाग में गिरी होती है जो पतले, कठोर और चमकदार सतह वाले भूरे रंग के बीज में होता है. इन बीजों से तेल निकाला जाता है और बीज के अवशिष्ट में प्रबल मच्छर-विरोधी गुण होते हैं. क्षेत्र के स्थानीय लोग कई वर्षों से पारंपरिक पद्धति से गिरी से तेल निकालते रहे हैं.
जीआई टैग
इस अनूठे तेल को 2021 में जीआई टैग प्राप्त हुआ.