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नाथद्वारा पिछवाई कला

नाथद्वारा की पिछवाई कला या शिल्प रचनात्मक कौशल और भक्ति की शानदार अभिव्यक्ति है. इस कला में भगवान कृष्ण द्वारा गोकुल-वासियों को इन्द्र के कोप से होने वाली क्षति से बचाने के लिए कनिष्ठा उँगली पर गोवर्धन पर्वत को धारण करने की कथा को कूँची की एक-एक रेख के साथ कुशलतापूर्वक प्रस्तुत किया जाता है.

कलारूप

इस कला की अत्यंत सावधानीपूर्वक की जाने वाली सूक्ष्म कारीगरी और ज्वलंत रंगों से श्रद्धा उत्पन्न होती है, जो दर्शकों को दिव्य आख्यानों के संसार में पहुँचा देती है. यह सूक्ष्म संतुलन ही पिछवाई कला को अलग पहचान देता है. संघटन की संगति, जीवंत रंगों और संश्लिष्ट रूपांकन की पारस्परिकता से ऐसा दृश्य संयोजन सृजित होता है जो आध्यात्मिक भाव जगाता है.

जीआई टैग

इस कलाशिल्प को 2023 में जीआई टैग देकर सम्मानित किया गया।