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अरुणाचल प्रदेश की याक चुरपी

अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग और तवांग जिलों में याक की एक विशेष प्रजाति पाई जाती है जिसे इस क्षेत्र की ब्रोकपा और मोनपा नामक दो आदिवासी जनजातियाँ बहुत सार-संभाल के साथ पालती हैं. याक चुरपी याक के दूध में प्राकृतिक रूप से खमीर उठाकर तैयार की जाती है जो दो प्रकार की होती है: नरम और कठोर. अगर उचित तरीके से भंडारण किया जाए तो कठोर चुरपी 20 साल तक टिक सकती है.

उत्पाद

इस क्षेत्र में याक चुरपी सांस्कृतिक और आर्थिक दोनो दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है. यह सब्जी के विकल्प के रूप में काम करती है, प्रोटीन का स्रोत है, और लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया के कारण इसमें प्रोबायोटिक गुण होते हैं. इस क्षेत्र में भोजन के साथ इस स्वादिष्ट खाद्यपदार्थ के गहरे मेल का पुराना इतिहास रहा है और स्थानीय भोजन के अनिवार्य घटक के रूप में इसकी विशेषज्ञता को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाया गया है.

जीआई टैग

याक के दूध से बने इस अनूठे उत्पाद को 2023 में जीआई टैग प्राप्त हुआ.