कश्मीर के पहाड़ी इलाकों, खास तौर पर अनंतनाग जिले में चावल की एक सुस्वादु किस्म उपजाई जाती है जो कश्मीर का गौरव है. इस किस्म का नाम है - मुश्कबुड्जी चावल. अपेक्षाकृत छोटे दानों वाले चावल की इस किस्म में स्वाद और सुगंध का ऐसा अद्भुत मिश्रण होता है कि इसे देखते ही मुँह में पानी भर आता है.
उत्पाद
मुश्कबुड्जी चावल जम्मू और कश्मीर की विरासत है. वहाँ की जमीन की सतह, जलवायु, मृदा और पानी इस किस्म के चावल की खेती के लिए सर्वथा अनुकूल है.
छोटे-छोटे दानों वाले इस चावल की नजाकत, खुशबू, लज्जत और रूप-रंग इसे कश्मीर का खास व्यंजन बनाते हैं और इसे पकाए बिना कोई भी विशेष अवसर या उत्सव पूरा नहीं होता. चावल की यह देसी किस्म हाथीदाँत के रंग की होती है और इसके दाने थोड़े-थोड़े पारदर्शी दिखते हैं.
जीआई टैग
इस परंपरागत किस्म की खेती करने के लिए अधिकाधिक किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नाबार्ड ने इसे जीआई मान्यता प्राप्त करने में सहयोग दिया और 2023 में मुश्कबुड्जी को इच्छित जीआई टैग प्राप्त हुआ.