संदर्भ सं. राबैं.पुनर्वित्त-नीति / 909 /आईएस-1/2022-23
परिपत्र सं. 203 /पुनर्वित्त- 69 /2022
08 सितंबर 2022
अध्यक्ष
सभी राज्य सहकारी बैंक
प्रिय महोदय,
वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान अंतरिम आधार पर अल्पावधि ऋणों पर ब्याज सहायता योजना जारी रखना
कृपया वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के दौरान अल्पावधि फ़सल ऋणों के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना पर हमारे (क) दिनांक 29 मार्च 2022 के परिपत्र संख्या 50 (संदर्भ सं राबैं.डोर –नीति / 1692 / आईएस-1/ 2021-22), एवं (ख) दिनांक 11 अप्रैल 2022 के परिपत्र संख्या 76 (संदर्भ सं राबैं.डोर –नीति / 51 / आईएस-1 / 2021-22) का संदर्भ ग्रहण करें।.
2. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने दिनांक 25 अगस्त 2022 के पत्र सं 1-4 / 2020-Credit-I द्वारा सलाह दी हैं कि, अगले निर्देश तक, ब्याज सहायता योजना को, परिवर्तनों के साथ, वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 मे किया जाएगा। तदनुसार, आपको निम्नानुसार सलाह दी जाती है:-
क. आधार स्तर पर किसानों को दिए जाने वाले ₹3.00 लाख तक के (अधिकतम 2.00 लाख रु प्रति किसान तक के पशुपालन, मत्स्य पालन, डेरी एवं मधुमक्खी पालन गतिविधियों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण) अल्पावधि ऋणों (फ़सली ऋण और पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधियों के लिए कार्यशील पूंजी ऋण) के लिए अपनी निजी निधियों का उपयोग करने वाले राज्य सहकारी बैंकों को 1.5% प्रति वर्ष की ब्याज सहायता उपलब्ध होगी बशर्ते ऋण दाता संस्थाएं 7% प्रति वर्ष की दर से आधार स्तर पर अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराएं. फसल ऋण/कार्यशील पूंजी ऋण की राशि पर 1.5% ब्याज सहायता की गणना अधिकतम एक वर्ष की अवधि के अधीन संवितरण/ आहरण तिथि से किसान द्वारा चुकौती की वास्तविक तिथि अथवा बैंक द्वारा निर्धारित भुगतान की विहित तिथि में जो भी पहले होगी, उस अवधि तक के लिए की जाएगी. 1.5% ब्याज सहायता वित्त वर्ष 2023-24 तक जारी रहेगा।.
वित्तीय वर्ष |
किसानों के लिए उधार दर |
ब्याज सहायता के लिए दर |
2022-23 |
7% |
1.5% |
2023-24 |
7% |
1.5% |
ख. समय पर फ़सली/कार्यशील पूंजी ऋणों की चुकौती करने वाले किसानों के लिए अधिकतम एक वर्ष की अवधि के अधीन संवितरण /आहरण तिथि से किसान द्वारा चुकौती की वास्तविक तिथि अथवा बैंक द्वारा निर्धारित भुगतान की विहित तिथि में से जो भी कम हो उस अवधि के लिए 3% की अतिरिक्त ब्याज सहायता उपलब्ध होगी. यह ब्याज सहायता किसानों को, अधिकतम 3 लाख रूपाय तक के अल्पावधि उत्पादन ऋण पर और पशुपालन, मत्स्य पालन, डेरी, मधुमाखी पालन आदि के लिए कार्यशील पूंजी पर अधिकतम 2 लाख रुपये तक उपलब्ध होगा। अर्थात् समय पर से ऋण की चुकौती करने वाले किसानों को वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान 4% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर अल्पावधि ऋण मिलेगा। फ़सली ऋण/ कार्यशील पूंजी ऋण लेने के एक वर्ष बाद चुकौती करने वाले किसानों को यह लाभ नहीं मिलेगा। वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 तीनों में 3% की दर से अतिरिक्त ब्याज सहायता जारी रहेगी।.
ग. किसान क्रेडिट कार्ड धारक-छोटे और सीमांत किसानों को गरजू बिक्री से रोकने और अपनी उपज भंडारागारों में रखने के लिए उन्हें बढ़ावा देने के प्रयोजन से भंडारागार विकास विनियामक प्रधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा प्रमाणीकृत भंडारागारों में उपज भंडारित करने पर परक्राम्य भंडारागार रसीदों के समक्ष फसल लेने के बाद और 06 माह की अवधि के लिए उसी दर पर ब्याज सहायता दी जाएगी जिस दर पर फ़सल/ कार्यशील पूंजी ऋणों पर दी जाती है।.
घ. प्राकर्तिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने हेतु पुनःसंरचित राशि पर पहले वर्ष के लिए उपलब्ध उसी साल की ब्याज सहायता की सुविधा जारी रहेगी। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार इस प्रकार के पुनःसंरचित ऋणों पर दूसरे वर्ष से सामान्य ब्याज दर लागू होगी।.
ङ. हालांकि, गंभीर प्राकर्तिकआपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए, पुनःसंरचित ऋण राशि पर बैंकों को पहले तीन वर्षों / संपूर्ण अवधि (अधिकतम 5 वर्ष की अवधि) के लिए 2% की ब्याज सहायता उपलब्ध होगी। इसके अलावा, ऐसे सभी मामलों में, प्रभावित किसानों को प्रति वर्ष @ 3% प्रति वर्ष का पुनर्भुगतान पर ब्याज प्रोत्साहन का लाभ भी प्रदान किया जाएगा। हालांकि, गंभीर प्राकर्तिक आपदाओं के ऐसे मामलों का अनुदान, एक उच्च-स्तरीय समिति (HLC) द्वारा तय किया जाना जाएगा, जो अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) और राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (SC-NEC) की उप समिति की सिफारिश पर आधारित होगा।.
3. इसके अलावा, हमारे दिनांक 13.03.2020 के परिपत्र संख्या -62 द्वारा, 01.04.2020 से वितरित अल्पावधि ऋणों पर ब्याज सहायता का लाभ उठाने के लिए केसीसी को अनिवार्य बनाया गया है।.
4. बैंकों को योजना के तहत लाभार्थियों का श्रेणी-वार डेटा अनिवार्य रूप से बनाए रखने और, जब भी ज़रूरत हो, प्रस्तुत करने की सलाह दी जाती है क्यूंकी वितीय वर्ष 2022-23 से लेखा परीक्षित दावों का निपटान करने के लिए व्यक्तिगत किसान वार की जानकारी को पोर्टल पर प्रस्तुत किया जाना है। इसके अतिरिक्त, योजना वर्ष 2020-21 के लेखापरीक्षित दावों को 30 सितंबर 2022 तक प्रस्तुत किया जाना है।.
5. भारत सरकार की ब्याज सहायता योजना के तहत लाभ उठाने के लिए आधार लिंकिज को अनिवार्य कर दिया गया है। इसलिए बैंक द्वारा इस संबंध में डेटा बनाए रखा जाए। दावों के साथ हमेशा एक प्रमाण पत्र होना चाहिए जिसमें कहा गया हो की सभी दावे आधार से जुड़े हुए हैं।.
6. सभी ऋणदात्री संस्थाओं से अनुरोध है की वे कृषि और संबंध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण/केसीसी और एमाइएसएस (जब भी वे कोई जारी करें) से संभन्धित निर्देशों/ परिपत्रों की एक प्रति संयुक्त सचिव (क्रेडिट), कृषि और किसान कल्याण विभाग, नई दिल्ली -110001, कृषि भवन को भेजें।.
भवदीय
(विवेक कृष्ण सिन्हा)
मुख्य महाप्रबंधक