1.पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना 12 जुलाई 1982 को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक विकास
बैंक के रूप में की गई और उसे समन्वित ग्रामीण विकास का संवर्धन करने और ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि सुनिश्चित करने के
उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, लघु उद्योगों, कुटीर और ग्राम उद्योगों, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्पों,
तथा
अन्य अनुषंगी आर्थिक गतिविधियों के संवर्धन और विकास के लिए ऋण और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने और उनका विनियमन करने के
लिए, और उससे संबंधित एवं प्रासंगिक अन्य मामलों के लिए अधिदिष्ट किया गया.
2. विज़न
ग्रामीण समृद्धि के लिए राष्ट्रीय विकास बैंक
3. मिशन
सहभागिता, संधारणीयता और समानता पर आधारित वित्तीय और गैर-वित्तीय सहयोगों, नवोन्मषों, प्रौद्योगिकी और संस्थागत विकास
के माध्यम से समृद्धि लाने के लिए कृषि और ग्रामीण विकास का संवर्धन
4. स्वामित्व
नाबार्ड पर पूर्ण रूप से भारत सरकार का स्वामित्व है.
5. संगठनात्मक संरचना
नाबार्ड का प्रधान कार्यालय मुंबई में स्थित है और राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों में नाबार्ड के 31 क्षेत्रीय
कार्यालय, श्रीनगर में एक कक्ष, देश के उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी भागों में 04 प्रशिक्षण संस्थान, और जिला स्तर पर
कार्यरत 509 जिला विकास प्रबंधक हैं. नाबार्ड में 2243 व्यावसायिक कार्यरत हैं जिनकी सहायता के लिए 1130 अन्य स्टाफ हैं
(ये आँकड़े 31 मार्च 2921 को व्यवसाय के पूर्ण होने के समय के हैं).
6. नाबार्ड के कार्यों की एक झलक
नाबार्ड के प्रमुख कार्यों में संवर्धनात्मक और विकासात्मक कार्य, पुनर्वित्त, वित्तपोषण, आयोजना, अनुप्रवर्तन और
पर्यवेक्षण शामिल हैं.
ऋणेतर कार्य:
- ऋण आयोजना और अनुप्रवर्तन, विभिन्न एजेंसियों और संस्थाओं के साथ समन्वय.
- कृषि ऋण और ग्रामीण विकास से संबंधित मामलों में नीति निर्माण में भारत सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक और राज्य सरकारों
को
सहयोग.
- ग्रामीण ऋण प्रदाय प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए सहकारी संस्थाओं और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का संस्थागत विकास और
क्षमता निर्माण. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों का सांविधिक
निरीक्षण,
राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों का स्वैच्छिक निरीक्षण, और उनकी ऑफ-साइट निगरानी.
- कृषि, कृषीतर, सूक्ष्म वित्त, वित्तीय समावेशन के क्षेत्रों में संवर्धनात्मक और विकासात्मक पहलें, सरकार-प्रायोजित
कार्यक्रमों के साथ सहमेल.
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के वित्तीय समावेशन प्रयासों को सहयोग.
- आजीविका के अवसरों और सूक्ष्म उद्यमों के संवर्धन पर बल.
- सहकारी ऋण संस्थाओं के कार्मिकों और उनके निदेशक मण्डल के सदस्यों तथा ग्रामीण वित्तीय संस्थाओं के स्टाफ का क्षमता
निर्माण.
- अनुसंधान और विकास, ग्रामीण नवोन्मेष आदि को सहयोग.
ऋण संबंधी कार्य:
- ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और कृषीतर गतिविधियों के लिए निवेश ऋण (दीर्घावधि ऋण) प्रयोजनों और उत्पादन तथा विपणन ऋण
(अल्पावधि ऋण) प्रयोजनों हेतु ग्रामीण वित्तीय संस्थाओं को पुनर्वित्त.
- ग्रामीण आधारभूत संरचना विकसित करने और सहकारी ऋण संरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकारों को ऋण.
- भांडागार आधारभूत संरचना के लिए राज्य सरकारों, राज्य/ केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में स्थित या उनसे
सहायता-प्राप्त
संस्थाओं, सहकारी संस्थाओं, सहकारी संस्थाओं के महासंघों, कृषक उत्पादक संगठनों, कृषक समूहों के महासंघों, प्राथमिक
कृषि
ऋण समितियों (पैक्स)/ सहकारी विपणन समितियों या समतुल्य संस्थाओं, कॉर्पोरेटों/ कंपनियों, एकल उद्यमियों आदि को ऋण.
- सहकारी संस्थाओं और उत्पादक संगठनों का प्रत्यक्ष ऋणीकरण, नाबार्ड आधारभूत संरचना विकास सहायता (नीडा) के अंतर्गत
राज्य के स्वामित्व में स्थित संस्थाओं/ निगमों को सहायता, और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के छत्र कार्यक्रम
(यूपीएनआरएम)
के अंतर्गत व्यक्तियों, साझेदार फ़र्मों, कॉर्पोरेटों, गैर-सरकारी संगठनों, सूक्ष्म वित्त संस्थाओं, कृषक समूहों आदि
का
प्रत्यक्ष ऋणीकरण.
- भारत सरकार की चुनी हुई पूँजी निवेश सब्सिडी योजनाओं की पास थ्रू (माध्यम) एजेंसी.
7. साझेदार संस्थाएँ/ ग्राहक
ऋण संबंधी
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
- राज्य सकारें
- राज्य के स्वामित्व में स्थित निकाय और निगम
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- राज्य सहकारी बैंक
- जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक
- राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
- अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक
- लघु वित्त बैंक
- गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियाँ
- कृषक समूह और उत्पादक संगठन
- भांडागार आधारभूत संरचना निधि (डब्ल्यूआईएफ) के अंतर्गत कॉर्पोरेट/ कंपनियाँ, एकल उद्यमी, सार्वजनिक निजी भागीदारी
(पीपीपी) मोड के अंतर्गत एसपीवी
विकासोन्मुख
- ग्रामीण वित्तीय संस्थाएँ
- गैर-सरकारी संगठन और स्वैच्छिक एजेंसियाँ
- विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थाएँ
- स्वयं सहायता समूह
- ग्रामीण नवोन्मेषक
- संयुक्त देयता समूह
- किसान क्लब
- अनुसंधान संगठन
शिकायत निवारण तंत्र
जनता से सामान्य शिकायतें प्रधान कार्यालय, मुम्बई के कारपोरेट आयोजना विभाग द्वारा प्राप्त की जाती हैं. (टेलीफोन -022-68120019)
सहकारी बैंकों (शहरी सहकारी बैंकों के अलावा) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की ग्राहक सेवाओं से संबंधित शिकायतें प्रधान कार्यालय, मुंबई के पर्यवेक्षण विभाग द्वारा प्राप्त की जाती हैं. (022-26530017)
नाबार्ड को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से प्रत्यक्ष रूप से वीआईपी संदर्भ प्राप्त होते हैं. वीआईपी संदर्भों का उत्तर प्राथमिकता से दिया जाता है. प्रत्यक्ष या लोक शिकायत पोर्टल के माध्यम से प्राप्त अन्य सभी शिकायतों का निपटान भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार 21 दिनों के भीतर किया जाना है.
नागरिकों हेतु सूचना:
नाबार्ड ने लोक शिकायतों के निवारण के लिए निम्नलिखित अधिकारियों को नामित किया है:
मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी
श्री सतीश बी. राव
मुख्य महाप्रबंधक
कारपोरेट आयोजना विभाग
द्वितीय तल, सी विंग
नाबार्ड प्रधान कार्यालय
प्लॉट संख्या सी-24, ‘जी’ ब्लॉक
बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स
बांद्रा (पूर्व)
मुम्बई – 400051
टेलीफोन: 022-68120019
ई-मेल: cpd@nabard.org
शिकायत निवारण अधिकारी
श्री सत्य रंजन पंडा
महाप्रबंधक
कारपोरेट आयोजना विभाग
द्वितीय तल, सी विंग
नाबार्ड प्रधान कार्यालय
प्लॉट संख्या सी-24, ‘जी’ ब्लॉक
बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स
बांद्रा (पूर्व)
मुम्बई –
400051
टेलीफोन: 022-26539369
ई-मेल: cpd@nabard.org
उप- अपील प्राधिकारी (पी जी पोर्टल)
श्रीमती साधना वेंकटेश
उप महाप्रबंधक
कारपोरेट आयोजना विभाग, द्वितीय तल, सी विंग
नाबार्ड प्रधान कार्यालय
प्लॉट संख्या सी-24, ‘जी’ ब्लॉक
बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स
बांद्रा (पूर्व)
मुम्बई –
400051
टेलीफोन: 022-26539839
ई-मेल: cpd@nabard.org
नाबार्ड ने श्री वेंकटरामन राजारामन, उप महाप्रबंधक, प्रधान कार्यालय, मुंबई (टेली नं. 022 2653 9127) को केन्द्रीय जन
सूचना अधिकारी के रूप में पदनामित किया है. उनकी अनुपस्थिति में श्री विकास भट्ट, उप महाप्रबंधक, प्रधान कार्यालय, मुंबई
(टेली नं. 022-26539652) आरटीआई अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जन सूचना अधिकारी होंगे. उक्त अधिकारियों के पते निम्नानुसार
हैं:
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
प्लॉट नं. सी -24, ‘जी’ ब्लॉक
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स
बांद्रा (पूर्व)
मुंबई - 400051.
क्षेत्रीय कार्यालय का मुख्य महाप्रबंधक/ प्रभारी अधिकारी संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय, ग्राहक/ साझेदार संस्थाओं,
क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्राधिकार में स्थित अन्य संस्थाओं/ प्राधिकारियों और बाहरी व्यक्तियों की पृच्छाओं पर काम
करेंगे. वे क्षेत्रीय कार्यालय के स्टाफ और साथ ही सेवानिवृत्त स्टाफ और संबंधित राज्य में बसे स्टाफ के अनुरोधों को भी
देखेंगे.
आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत अपीलीय प्राधिकारी:
डॉ मिलिंद आर भीरुड, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, प्रधान कार्यालय, मुंबई उक्त अधिनियम की धारा 19(1) के उपबंधों के
अंतर्गत अपील प्राप्त करने के प्रयोजन से पूरे बैंक अर्थात् प्रधान कार्यालय तथा विभिन्न राज्यों से संबंधित सूचना के
लिए
अपीलीय प्राधिकारी होंगे.
केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी, नाबार्ड, प्रधान/ क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा दिए गए उत्तरों के संबंध में सभी अपीलें
निम्नलिखित को संबोधित की जाएँगी:
डॉ मिलिंद आर भीरुड, मुख्य महाप्रबंधक और अपीलीय प्राधिकारी, नाबार्ड, प्रधान कार्यालय, ‘बी’ विंग, 8वीं मंजिल,
प्लॉट नं. सी -24, ‘जी’ ब्लॉक, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व), मुंबई - 400051.
टेली: (91) 022-26539235 फैक्स: (91) 022-26530192, ई-मेल: secy@nabard.org
वैकल्पिक अपीलीय प्राधिकारी:
श्री बी एन कुरुप, मुख्य महाप्रबंधक, प्रधान कार्यालय, ‘डी’ विंग, 8वीं मंजिल, प्लॉट नं. सी -24, ‘जी’ ब्लॉक,
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व), मुंबई - 400051.
टेली: (022)-68120051 ई-मेल: spd@nabard.org
पारदर्शिता अधिकारी:
श्रीमती एल लीवांग, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, प्रधान कार्यालय, ‘डी’ विंग, चौथी मंजिल, प्लॉट नं. सी
-24, ‘जी’ ब्लॉक, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व), मुंबई - 400051.
टेली. 022-26539272 ई-मेल : mcid@nabard.org
पता: संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय का पता ((पते के लिए
यहाँ क्लिक करें))
नागरिक चार्टर अधिकार और बाध्यताएँ सृजित करने वाला विधिक दस्तावेज नहीं है. यह चार्टर नाबार्ड से संबंधित विभिन्न प्रमुख
गतिविधियों के बारे में सूचना देने के लिए तैयार किया गया है.