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नाबार्ड के निरीक्षण दल द्वारा अनर्जक आस्तियों के वर्गीकरण में पाए गए विचलन

बाह्य परिपत्र सं. 40 / डॉस –12 / 2023

06 मार्च 2023

स.सं राबैं. प्रका. डॉस. पॉल / 5952 A / जे-1 / 2022-23

अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदया/महोदय

नाबार्ड के निरीक्षण दल द्वारा अनर्जक आस्तियों के वर्गीकरण में पाए गए विचलन

नाबार्ड अपनी पर्यवेक्षी प्रक्रियाओं के भाग के रूप में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानन (आईआरएसीपी) पर मौजूदा विवेकपूर्ण मानदंडों सहित बैंकों द्वारा अनुपालन का आकलन करता है. बैंकों के आस्ति वर्गीकरण और भारतीय रिजर्व बैंक के मानदंडों से प्रावधानन में महत्वपूर्ण विचलन के मामले सामने आए हैं, जिनके कारण प्रकाशित वित्तीय विवरण बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे में सही और निष्पक्ष तस्वीर नहीं दर्शाते हैं.

2. इस संबंध में आप दिनांक 27 फरवरी 2020 को जारी हमारे बाह्य परिपत्र संख्या 47/डॉस.11/2019-20, संदर्भ सं. राबैं. डॉस /नीति /3437 /जे-1 /2019-20 देखें जिनमें हमने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को विचलन के समक्ष प्रावधान करने और संबंधित बैंक के सांविधिक लेखा परीक्षकों के साथ निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा पाए गए विचलन को साझा करने के बारे में सूचित किया था ताकि वे यह सत्यापित कर सकें कि एक ही शाखा और अन्य शाखाओं में ऐसे खातों और इसी तरह के अन्य खातों का बैंक की बहियों में उचित रूप से वर्गीकृत किया है और वित्तीय वर्ष के अंत में उन पर उपयुक्त रूप से प्रावधान किया गया है.

3. समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि कुछ बैंक अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुसार ऋणों और अग्रिमों के वर्गीकरण को कड़ाई से सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं; निरीक्षण रिपोर्ट में इंगित विचलन हेतु पूर्ण प्रावधान नहीं किया गया है और ऋण खाते अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक अनर्जक बने रहते हैं. इसके अलावा, निरीक्षण रिपोर्ट में विचलन इंगित किए जाने और ऋण खातों का अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक अनर्जक बने रहते के बावजूद, कुछ सांविधिक लेखापरीक्षक अगले वित्तीय वर्ष के अंत में खाताबहियों को अंतिम रूप देते समय आस्तियों का उचित वर्गीकरण सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा द्विवार्षिक वित्तीय निरीक्षण 2022 के दौरान इसे गंभीरता से देखा गया है.

4. तदनुसार, हम दोहराते हैं कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक नाबार्ड द्वारा विचलन के रूप में चिह्नित किए गए खातों का उचित वर्गीकरण सुनिश्चित करें और यह सत्यापित करें कि बैंक में कहीं और इसी तरह के अन्य खातों का वर्गीकरण उपयुक्त रूप से किया गया है और इसके समक्ष उचित प्रावधान करें.

5. इसके अलावा, हम सूचित करते हैं कि अनर्जक आस्तियों के वर्गीकरण में इस तरह के विचलन की पुनरावृत्ति को गंभीरता से देखा जाएगा और अनुशासनहीन बैंकों के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक को विनियामक कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है.

6. कृपया इस परिपत्र की पावती आपके राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में स्थित हमारे क्षेत्रीय कार्यालय को दें.

भवदीय

ह/-

(के एस रघुपति)
मुख्य महाप्रबंधक