संदर्भ सं. राबैं.प्रका डीएफ़आईबीटी /13076-13084/डीएफ़आईबीटी-23/2022-23
27 फ़रवरी 2023
परिपत्र सं.32/डीएफ़आईबीटी - 02/2023
अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी
भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, जम्मू और कश्मीर बैंक लिमिटेड
महोदया/ महोदय,
वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफ़एल) परियोजना - स्केलिंग अप
कृपया नाबार्ड के दिनांक 25 फरवरी 2021 के परिपत्र सं 27/ डीएफ़आईबीटी-06/2021 का संदर्भ ग्रहण करें जिसके माध्यम से स्थायी परिचालन प्रक्रिया के परिशिष्ट के रूप में जारी किए गए अतिरिक्त अनुदेशों को बैंकों के साथ साझा किया गया था|
इसी विस्तार में आगे, आपको सूचित किया जाता है कि वित्तीय समावेशन निधि (एफआईएफ) के सलाहकार बोर्ड ने वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफएल) परियोजना - "स्केलिंग अप" चरण II के अंतर्गत 448 नए सीएफएल स्थापित करने के लिए और दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों में स्थापित सीएफएल के लिए अतिरिक्त परिचालन व्यय के लिए रु.15313.40 लाख की लागत के साथ वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफएल) परियोजना -"स्केलिंग अप" चरण II को मंजूरी प्रदान की गई है| उत्तर प्रदेश के लिए स्केल अप सीएफएल परियोजना के पहले चरण के तहत पहले से स्वीकृत 66 सीएफएल को अब 1933.80 लाख की लागत के साथ स्केल अप सीएफएल परियोजना के दूसरे चरण में लागू किया जाएगा।
2. सीएफएल के परिचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हितधारकों के लिए तैयार किए गए अक्टूबर 2022 तक के अनुदेशों का संग्रह संलग्न है|
3. आपके बैंक की पहचान वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफएल) परियोजना -"स्केलिंग अप" चरण II को दिसंबर 2022 तक लागू करने के लिए की गई है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुप्रवर्तन की जा रही है|
3.1 भारतीय रिजर्व बैंक ने निम्नलिखित राज्यों में स्थापित सीएफएल की पहचान की है जिन्हें दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों के तहत वर्गीकृत किया जाना है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड राज्य शामिल है|
3.2 ऊपर बिंदु 3.1 में दर्शाए गए राज्यों के अलावा अन्य राज्यों में स्थापित सीएफएल को सामान्य भोगोलिक क्षेत्रो के तहत वर्गीकृत किया जाएगा।
4. एफआईएफ से सीएफएल परियोजना का वित्तपोषण:
i. सामान्य भौगोलिक क्षेत्रों के लिए:
सामान्य भौगोलिक क्षेत्रों में सीएफएल के लिए वित्तपोषण पैटर्न नीचे दी गई तालिका में दर्शाया गया है जिसे "स्केल्ड अप" सीएफएल परियोजना के चरण II में स्थापित किया जाना है| सामान्य भौगोलिक क्षेत्रों में "स्केल्ड अप" सीएफएल परियोजना के चरण I में स्थापित सीएफएल को नीचे दी गई तालिका के अनुसार बची हुई स्वीकृत अनुदान सहायता मिलती रहेगी:
विवरण |
प्रति सीएफएल, एफआईएफ से सहायता |
प्रायोजक बैंक का योगदान |
प्रति सीएफएल कुल सहायता |
पूँजीगत व्यय |
प्रति सीएफएल ₹5.00 लाख मात्र- एक वर्ष के लिए |
शून्य |
₹5.00 lakh |
परिचालन व्यय |
तीन वर्ष के लिए प्रति सीएफएल प्रति वर्ष ₹8.10 लाख = ₹24.30 लाख |
3 वर्ष के लिए प्रति वर्ष रु.0.90 लाख – रु.2.70 लाख |
₹27.00 lakh |
कुल |
₹29.30 लाख |
₹2.70 लाख |
₹32.00 lakh |
ii. दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों के लिए:
एक विशेष वितरण के रूप में, दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों में स्थापित सीएफ़एल के लिए परिचालन व्यय सीमा को प्रति सीएफ़एल प्रति माह रु.30,000/- बढ़ाया गया है, जिसे दिसंबर 2022 से लागू किया गया है |(कृपया नोट करें कि रु.30,000/- का 90% अर्थात् प्रति सीएफएल प्रति माह रु.27,000/- एफआईएफ द्वारा वहन किया जाएगा और रु.30,000/- का शेष 10% अर्थात् प्रति सीएफएल प्रति माह रु.3,000/- प्रायोजक बैंकों द्वारा वहन किया जाएगा)|
iii. सीएफ़एल परियोजना के चरण I में त्रिपुरा में स्थापित किए गए सीएफ़एल के लिए:
एफआईएफ के सीएफएल परियोजना के चरण I के तहत त्रिपुरा में स्थापित 10 सीएफएल के लिए अतिरिक्त परिचालन व्यय भी उपरोक्त पैरा 4(ii) के अनुसार दिसंबर 2022 के महीने से प्रभावी कठिन क्षेत्रों के लिए बढ़े हुए परिचालन व्यय के लिए पात्र हैं।
iv. वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2022-23 में परिचालन व्यय की अप्रयुक्त राशि:
COVID-19 महामारी जैसी अप्रत्याशित घटनाओ के कारण उत्पन्न होने वाली कठिनाइयो को ध्यान मे रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एक बार के उपाय के रूप में, सीएफ़एल को वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2022-23 में परिचालन व्यय कि अप्रयुक्त राशि को आगे बढ़ाने कि अनुमति है| तदनुसार, गैर सरकारी संगठन वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बंकों से वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रयुक्त राशि का दावा करने के लिए पात्र हैं|
5. पूंजीगत व्यय और परिचालन व्यय के अंतर्गत उन मदों की नमूना सूची जिन पर विचार किया जा सकता है, निम्नानुसार है:
पूँजीगत व्यय |
परिचालनगत व्यय |
फर्नीचर और फिक्स्चर की लागत |
परिसर का किराया |
एलसीडी और लैपटॉप / कंप्यूटर की लागत |
स्टाफ का वेतन |
सार्वजनिक मंच हेतु ध्वनि यंत्रों की व्यवस्था की लागत |
विद्युत प्रभार |
हैंड हैल्ड प्रोजेक्टर |
टेलीफोन और इंटरनेट प्रभार |
पोर्टेबल पावर सिस्टम की लागत – अधिमानत: रीचार्जेबल – सोलर पैनल सहित |
फील्ड स्तर पर वित्तीय साक्षरता शिविर / संगोष्ठी के आयोजन की लागत |
प्रचार के प्रयोजन के लिए मुद्रण, लेखन सामग्री, प्रकाशन की लागत |
वित्तीय साक्षरता के उद्देश्य से प्रासंगिक और आवश्यक कोई अन्य मद |
विषय के विशेषज्ञों आदि को दिए जाने वाले मानदेय सहित विविध व्यय |
वित्तीय साक्षरता के उद्देश्य से प्रासंगिक और आवश्यक कोई अन्य मद |
6. योजना के परिचालन की पद्धतियां
i. संसाधन व्यक्ति की पहचान और प्रशिक्षण
सामान्य तौर पर, जिले में परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एलडीएम नोडल अधिकारी होगा|
बैंक सीएफएल परियोजना के परिचालन और वित्तीय पहलुओं को संभालने के लिए नामित नोडल अधिकारियों का विवरण एफआईडीडी सीओ, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों और गैर सरकारी संगठनों को स्पष्ट रूप से सूचित करेंगे|
ii. एफ़आईएफ़ से सहायता- वित्तीय दावे और प्रतिपूर्ति
- परियोजना के लिए गैर-सरकारी संगठनों के साथ करार करने पर बैंक एफआईएफ के अंतर्गत अनुदान सहायता की मंजूरी के लिए नाबार्ड को एक प्रस्ताव (अनुबंध-I के अनुसार) प्रस्तुत करेंगे|
- नाबार्ड एफआईएफ से परियोजना के लिए पूंजीगत व्यय (अधिकतम दो किश्तों में) की प्रतिपूर्ति करेगा| एफआईएफ से परिचालन व्यय तीन साल की अवधि के लिए प्रदान किया जाएगा|
- बैंकों द्वारा नाबार्ड को प्रस्तुत दावों (अनुबंध-II के अनुसार) के आधार पर पूंजीगत व्यय के लिए एफआईएफ के तहत प्रतिपूर्ति अधिकतम दो किश्तों में और परिचालन व्यय के लिए तिमाही आधार पर होगी. बिल, रसीद आदि को भविष्य की किसी भी आवश्यकता के लिए प्रायोजक बैंक द्वारा परियोजना के पूरा होने की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए संभालकर रखना है|
- प्रायोजक बैंक गैर-सरकारी संगठनों को रोलिंग आधार पर मासिक परिचालन व्यय अग्रिम जारी करेंगे| गैर-सरकारी संगठनों को सूचित किया जाता है कि वे अगले माह के पहले कार्य दिवस पर बैंकों को अपने मासिक बिल जमा करें| बैंक गैर सरकारी संगठनों के साथ एक विस्तृत चेक सूची साझा करेगा| बैंक तिमाही आधार पर एफआईएफ, नाबार्ड से प्रतिपूर्ति की मांग करेंगे| इसके अलावा, बैंक द्वारा गैर-सरकारी संगठनों से पिछले माह के वास्तविक बिलों की प्राप्ति के बाद ही गैर-सरकारी संगठनों को परिचालन व्यय अग्रिम की अगली किस्त जारी की जाएगी|
- बैंक सख्ती से यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी परिस्थिति में, पैरा 4 में दर्शाए गए प्रति सीएफएल समग्र सीमा का उल्लंघन नहीं किया जाएगा|
iii. अन्य परिचालनात्मक पद्धतियाँ
- एफआईएफ के तहत सीएफएल के लिए सहायता प्रतिपूर्ति के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी और इस उद्देश्य के लिए कोई अग्रिम राशि नहीं दी जाएगी|
- एक से अधिक राज्यों में सीएफएल की स्थापना के लिए किसी बैंक की पहचान होने की स्थिति में, बैंक प्रस्ताव को राज्य-वार विभाजित करें और इसे नाबार्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करें|
- एफआईएफ के तहत किसी भी तरह की सहायता के लिए प्रस्ताव नाबार्ड द्वारा पूर्व-स्वीकृत किया जाना चाहिए| अतः केवल मंजूरी की तारीख के बाद किए गए व्यय पर विचार किया जाएगा|हालांकि, दिसंबर 2022 से सीएफएल परियोजना के दूसरे चरण में स्थापित सीएफएल के संचालन की समय-सीमा को देखते हुए, एनजीओ /प्रायोजक बैंक द्वारा सीएफएल की स्थापना के संबंध में किया गया व्यय, एनजीओ और प्रायोजक बैंक के बीच चालू वित्त वर्ष के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की तारीख से नाबार्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के विवेक के अधीन एफआईएफ के तहत प्रतिपूर्ति के लिए विचार किया जा सकता है।
iv. बिल प्रस्तुत करने की समय सीमा
- प्रायोगिक परियोजना में यह देखा गया है कि बैंकों द्वारा गैर-सरकारी संगठनों को परिचालन व्यय और पूंजीगत व्यय की प्रतिपूर्ति में काफी विलंब हुआ है| स्केल्ड अप सीएफएल परियोजना में इस तरह के किसी भी विलंब को रोकने के लिए, प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया निम्नानुसार सुव्यवस्थित की जाए:
- गैर-सरकारी संगठनों को सूचना दी जाए कि वे अगले महीने के पहले कार्य दिवस पर बैंकों को अपने मासिक बिल प्रस्तुत करें|
- गैर सरकारी संगठन अपने बिलों को सीधे शाखा / एलडीएम कार्यालय / नियंत्रण कार्यालय में जमा कर सकते हैं जहां से प्रतिपूर्ति की जाएगी|
- प्रायोजक बैंक रोलिंग आधार पर गैर-सरकारी संगठनों को मासिक परिचालन व्यय अग्रिम जारी करेंगे| तथापि, बैंक पिछले महीने के वास्तविक बिलों की प्राप्ति के बाद ही गैर सरकारी संगठनों को परिचालन व्यय अग्रिम की अगली किस्त जारी करेंगे| भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा परिचालन व्यय प्रतिपूर्ति के लिए बैंकों को एक निर्देशात्मक चेकलिस्ट पहले ही भेजी जा चुकी है|
- बैंकों को तिमाही समाप्ती के बाद 15 दिनों के भीतर तिमाही आधार पर पूंजीगत व्यय (अधिकतम दो किश्तों में) और परिचालन व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में दावा प्रस्तुत करना होगा| प्रायोजक बैंक यथासंभव यह सुनिश्चित करें कि उनके कार्यालयों में बिल निपटान और दस्तावेजीकरण के लिए समान पद्धति हो|
v. सीएफएल की अनुप्रवर्तन /निरीक्षण/निष्पादन के लिए गैर-सरकारी संगठनों द्वारा नियुक्त अधिकारियों का पारिश्रमिक सीएफएल परियोजना के समग्र वित्तपोषण के तहत प्रदान किया जा सकता है और इसे उनके तहत सीएफएल में संवितरित किया जा सकता है| तथापि, यह सुनिश्चित किया जाए कि इन अधिकारियों का विवरण और उनके द्वारा अनुप्रवर्तन किए गए सीएफएल की सूची गैर-सरकारी संगठन द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना का हिस्सा हो| तथापि, इन खर्चों को सीएफएल के सम्पूर्ण उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए|
vi. अनुप्रवर्तन पद्धति
- सीएफएल के कार्यकरण की बारीकी से अनुप्रवर्तन करने की दृष्टि से, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय तिमाही के दौरान ही सभी संबंधित हितधारकों जैसे जिला और ब्लॉक स्तर के सीएफएल सुविधाप्रदाता, प्रायोजक बैंक अधिकारी और अग्रणी जिला प्रबंधक के साथ तिमाही बैठक आयोजित करेंगे| बैठक के दौरान चर्चा किए जाने वाले निर्देशात्मक मुद्दे नीचे सूचीबद्ध हैं:
- सीएफ़एल के कर्मचारियों के मुद्दे
- वित्तीय समावेशन परिदृश्य, संबंधित हितधारकों, संस्थानों / एजेंसियों की मैपिंग
- सीएफ़एल स्टाफ का प्रशिक्षण
- गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्रस्तुत मूल कार्य योजना के अनुसार एफएल गतिविधियों का आयोजन
- सीएफ़एल पोर्टल में डाटा एंट्री करना
- निधियों संबंधी मुद्दे, यदि कोई हो
- अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रगति
- अन्य परिचालन से संबन्धित मुद्दे
- ब्लॉक स्तर पर बेहतर समन्वय के लिए, बैंकों के संबंधित एलडीएम/संसाधन व्यक्तियों को भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा सूचना दी जाएगी कि वे ब्लॉक में काम कर रहे सीएफएल सुविधाप्रदाताओं को ब्लॉक स्तरीय बैंकर्स समिति (बीएलबीसी) की बैठकों में समय-समय पर आमंत्रित करें ताकि ब्लॉक में संचालित बैंक शाखाओं के साथ उनका संपर्क बढ़ाया जा सके|
- नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक जिले में सीएफएल परियोजना के कामकाज में बारीकी से शामिल होंगे।
vii. एमआईएस और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया
प्रशिक्षण कार्यक्रम का विवरण निरंतर आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक के एडेप्ट पोर्टल के सीएफएल मॉड्यूल में दर्ज किया जाना चाहिए| प्रशिक्षण कार्यक्रम का पूर्व डाटा भी पोर्टल में दर्ज किया जाना है|
7. यह परिपत्र सीएफएल परियोजना से संबन्धित निम्नलिखित परिपत्रों की जगह उपयोग किया जाएगा|
- परिपत्र संख्या 27/डीएफआईबीटी-06/2021 दिनाक 25 फरबरी 2021
- परिपत्र संख्या 18/डीएफआईबीटी-05/2021 दिनाक 22 जनवरी 2021
भवदीय
(भल्लामुडी श्रीधर)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक : यथोक्त