अद्यतन जानकारी

NABARD RELEASES CLIMATE STRATEGY 2030
नाबार्ड द्वारा जलवायु रणनीति 2030 जारी की गई

संधारणीय विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में नाबार्ड ने विश्व पृथ्वी दिवस (वर्ल्ड अर्थ डे) के अवसर पर जलवायु रणनीति 2030 दस्तावेज़ का अनावरण किया. यह दस्तावेज़ श्री शाजी के वी, अध्यक्ष, नाबार्ड द्वारा जारी किया गया. इस व्यापक रणनीति का लक्ष्य भारत की हरित वित्तपोषण (ग्रीन फाइनेंसिंग) की बढ़ती हुई आवश्यकता पर ध्यान केन्द्रित करना है. इस माँग पर ध्यान देने हेतु नाबार्ड की जलवायु रणनीति 2030 चार मुख्य स्तंभों पर संरचित की गयी है:
(i) सभी क्षेत्रों में हरित ऋण वितरण (ग्रीन लेंडिंग) बढ़ाना,
(ii) एक व्यापक बाजार-निर्माण की भूमिका निभाना,
(iii) नाबार्ड का आंतरिक हरित परिवर्तन, और
(iv) रणनीतिक संसाधन जुटाना.

NABARD Re-accredited as Direct Access Entity of the Green Climate Fund (GCF)
नाबार्ड को ग्रीन क्लाइमेट फंड (जीसीएफ़) की डायरेक्ट एक्सैस एंटीटी (डी ए ई) के रूप में पुनः मान्यता प्रदान की गई

नाबार्ड ने दिनांक 01 नवंबर 2023 को डीएई के रूप में जीसीएफ़ के साथ ऐक्रेडिटेशन मास्टर एग्रीमंट (एएमए)) पर हस्ताक्षर किए. यह महत्वपूर्ण माइलस्टोन नाबार्ड का जीसीएफ़, जो कि विश्व की सबसे बड़ी जलवायु निधि है, के साथ दूसरे प्रमाणन सत्र के प्रारंभ का प्रतीक है. दिनांक 22 नवंबर 2023 को प्रधान कार्यालय, मुंबई में श्री शाजी के वी, अध्यक्ष, नाबार्ड ने श्री जी एस रावत, उप प्रबंध निदेशक; श्री निरुपम मेहरोत्रा, निदेशक, बर्ड, लखनऊ; तथा श्री दिनेश पी, मुख्य महाप्रबंधक, जलवायु कार्रवाई एवं संधारणीयता विभाग की उपस्थिति में श्रीमती राजश्री राय, आर्थिक सलाहकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को हस्ताक्षरित ऐक्रेडिटेड अँड रीस्टेटेड एएमए की प्रति सौंपी.

NABARD Re-accredited as Direct Access Entity of the Green Climate Fund (GCF)
Establishment of Technical Support Unit (TSU) at NABARD under the Technical Assistance from Asian Development Bank (ADB)
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से तकनीकी सहायता के तहत नाबार्ड में टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (टीएसयू) की स्थापना

जलवायु कार्रवाई पहलों के लिए एडीबी के साथ तकनीकी सहायता (टीए) टाइ-अप के ही एक भाग के रूप में नाबार्ड में, नाबार्ड, एडीबी (ADB), बिल एंड मेलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन (BMGF) और इंटेलीकैप (Intellecap) एड्वाइज़री सर्विसेस के बीच कोलाबोरेशन के माध्यम से एक टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (टीएसयू) स्थापित किया गया . दिनांक 13 दिसंबर 2023 को इस इकाई को श्री शाजी के वी, अध्यक्ष, नाबार्ड द्वारा औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया. मुख्य महाप्रबंधक, डीसीएएस; मुख्य महाप्रबंधक, सीपीडी और टीम डीसीएएस सहित एडीबी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन और इंटेलीकैप एड्वाइज़री सर्विसेस के वरिष्ठ अधिकारी लॉन्च के दौरान उपस्थित थे.

NABARD at COP 28
कॉप (सीओपी) 28 में नाबार्ड

वार्षिक यूएन क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस (कॉप) विश्व में ऐसा एकमात्र बहुपक्षीय मंच है जो जलवायु परिवर्तन के संबंध में निर्णय लेता है, जिसमें लगभग सभी देश भाग लेते हैं. दुबई, संयुक्त अरब अमीरात, ने 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 तक इस बैठक का आयोजन किया.
नाबार्ड, जलवायु परिवर्तन के शमन में एक प्रमुख हितधारक है, और इसका संधारणीयता अधिदेश (मैंडेट) विश्व के समक्ष श्री शाजी के वी, अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया गया था. उन्होंने "द बिल्डिंग ब्लॉक्स टु फाइनेंसिंग द ट्रांज़िशन टू रेजेनेरेटिव लैंडस्केप्स" पर एक पैनल चर्चा में अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) और अन्य एजेंसियों के साथ मुख्य पैनलिस्ट के रूप में भी भाग लिया. कॉप-28 के मौके पर कई संवाद/ बैठकें आयोजित की गईं.

NABARD at COP 28
Implementation of Voluntary Carbon Market in Agriculture in India
भारत में कृषि में ऐच्छिक कार्बन बाजार का कार्यान्वयन

नाबार्ड, आईआईईडी (इंटरनैशनल इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट एंड डेव्लपमेंट), जो एक नीति तथा अनुसंधान संगठन है जिसका मुख्यालय यूनाइटेड किंगडम (यूके) में है, के सहयोग से भारत में कृषि के वॉलंटरी कार्बन मार्केट-वीसीएम) फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन हेतु कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ कोलाबोरेट कर रहा है. इस संबंध में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा आईआईईडी के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए.
यह फ्रेमवर्क देश में प्रयोग में लाई जाने वाली कृषि पद्धतियों तथा कार्बन पृथक्करण (सेक्वेस्ट्रेशन) और बाजार-आधारित तंत्र की संभावना को जानने मे मददगार साबित होगा. यह वीसीएम परिस्थितिकीय तंत्र में किसान उत्पादक संगठनों (एफ़पीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), जल प्रयोगकर्ता संघों (वाटर यूज़र असोशिएशन (डब्ल्यूयूए)) आदि सहित कृषक समुदायों की महत्ता तथा कार्बन बाजार में उनकी सेवाओं के उच्चतम प्रयोग पर भी प्रकाश डालता है.

NABARD partners with Government of Goa through first-of-its- kind blended finance facility
नाबार्ड ने ‘फर्स्ट-ऑफ-इट्स-काइंड’ मिश्रित वित्त सुविधा के माध्यम से गोवा सरकार के साथ साझेदारी की

नाबार्ड ‘गोवा सरकार द्वारा स्थापित की जा रही मिश्रित वित्त सुविधा को सहयोग प्रदान करने हेतु’ गोवा सरकार और विश्व बैंक के साथ सहयोग कर रहा है. इस संबंध में गोवा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. यह सुविधा बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी), जलवायु कार्रवाई के लिए द्विपक्षीय संस्थाओं और परोपकारी संस्थाओं के माध्यम से रियायती वित्तपोषण के विभिन्न स्रोतों का प्रयोग करेगी. ‘फर्स्ट-ऑफ-इट्स-काइंड’ मिश्रित वित्तपोषण सुविधा अन्य राज्यों द्वारा उनके जलवायु संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक मार्गप्रदर्शक के रूप में कार्य करेगी.

NABARD partners with Government of Goa through first-of-its- kind blended finance facility
24th International Conference on Environment Management and Climate Change
पर्यावरण प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन पर 24वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

श्री शाजी के वी, अध्यक्ष, नाबार्ड ने दिनांक 22 जून 2023 को बेंगलूरु में इंस्टीट्यूट ऑफ डाइरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा आयोजित पर्यावरण प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन पर 24वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गणमान्य श्रोताओं को संबोधित किया. अध्यक्ष महोदय ने ‘ए रोडमैप टु अचीव नेट ज़ीरो गोल्स’ पर एक सत्र लिया. अध्यक्ष महोदय ने जलवायु परिवर्तन की ओर ग्रामीण क्षेत्र के योगदान पर, और उससे प्रभावित होने वालों, दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कृषि क्षेत्र में परिवर्तनकारी कार्रवाई की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जो कि पर्यावरण के लिए अनुकूल और लाभप्रद हो. संपूर्ण सत्र श्री ओवैस सरमद, पूर्व उप कार्यपालक सचिव, यूएनएफ़सीसीसी, जर्मनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई, और सह-पैनल सदस्यों में प्रोविडेंट हाउसिंग लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) सहित फ़्रांस और जर्मनी के काउंसल जनरल शामिल थे.

5th Anniversary of Climate Change Centre
जलवायु परिवर्तन केंद्र की 5वीं वर्षगाँठ

श्री शाजी के वी, अध्यक्ष, नाबार्ड ने दिनांक 31 जुलाई 2023 को बर्ड, लखनऊ में स्थापित जलवायु परिवर्तन केंद्र की 5वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य पर एक भाषण दिया. जीआईज़ेड, इंडिया के सहयोग से “जलवायु वित्तपोषण को आगे ले जाना - नवोन्मेषी उपायों की आवश्यकता” पर एक गोलमेज बैठक आयोजित की गई. उक्त गोलमेज़ बैठक, जिसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक, बैंकों, मूलभूत कार्यान्वयन एजेंसियों आदि की उच्च-स्तरीय सहभागिता थी, में देश में जलवायु एजेंडा को आगे ले जाने हेतु रोडमैप पर चर्चा की गई.

5th Anniversary of Climate Change Centre
UNDP India and NABARD MoU Signing
यूएनडीपी इंडिया और नाबार्ड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

यूएनडीपी इंडिया और नाबार्ड के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया, जिससे कृषि और खाद्य प्रणालियों में डेटा-आधारित नवोन्मेषों को सह-निर्मित किया जा सके, और छोटे भू-धारक किसानों को सहयोग प्रदान किया जा सके. इस समझौता ज्ञापन के तहत ये दोनों संगठन उत्पाद विकास, प्रौद्योगिकी अंतरण पर ओपन-सोर्स डेटा साझा करने के माध्यम से छोटे भू-धारक किसानों के जीवन और आजीविकाओं में सुधार लाने हेतु कार्य करेंगे और कृषि संबंधी नीतियों के निर्माण में सहयोग प्रदान करेंगे.
इस भागीदारी के भाग के रूप में नाबार्ड ने कृषि तथा खाद्य प्रणालियों में डिजिटल नवोन्मेषों हेतु ‘डेटा इन क्लाइमेट रेसिलिएंट एग्रिकल्चर’ (डीआईसीआरए), एक डिजिटल सार्वजनिक वस्तु, की मेजबानी संभाली है.

Adoption of Green Development Pact
ग्रीन डेव्लपमेंट पैक्ट को अपनाना

दिनांक 09 सितंबर 2023 को जी20 के लीडरों ने एक ग्रीन डेव्लपमेंट पैक्ट को अपनाया ताकि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों को उठाए जाने में तेजी लाई जा सके. यह पैक्ट इस बात पर ज़ोर देता है कि वर्तमान विकास और अन्य नीतिगत विकल्प एवं कार्रवाईयां पर्यावरणीय रूप से संधारणीय प्रथाओं और समावेशी आर्थिक वृद्धि को सुदृढ़ करेंगी.

Adoption of Green Development Pact