1. आरंभ
वर्ष 2008-2009 के लिए बजट भाषण में वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना की घोषणा की थी.
2. कार्यक्षेत्र
इस योजना में अनुसूचित वाणिज्य बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी ऋण संस्थानों (शहरी सहकारी बैंकों) और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों द्वारा ‘सीमांत और छोटे किसानों’ तथा ‘अन्य किसानों’ को दिए गए प्रत्यक्ष कृषि ऋणों को शामिल किया गया है.
3. पात्र राशि
ऋण माफी अथवा ऋण राहत जो भी मामला हो, के लिए पात्र राशि (इसके बाद इसे ‘पात्र राशि’ कहा जाएगा) में निम्नलिखित को शामिल किया जाना चाहिए:
क. अल्पावधि उत्पादन ऋण के मामले में इस प्रकार के ऋण की राशि (लागू ब्याज सहित):
- i. 31 मार्च 2007 तक संवितरित और 31 दिसंबर 2007 को अतिदेय तथा 29 फरवरी 2008 तक चुकौती न की गई हो.
- ii. बैंकों द्वारा वर्ष 2004 और 2006 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज के माध्यम से पुनःसंरचित और पुनर्निर्धारित, चाहे ऋण अतिदेय हुआ हो अथवा नहीं और
- iii. प्राकृतिक आपदाओं के कारण लागू भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार 31 मार्च 2007 तक सामान्य परिस्थिति में पुनःसंरचित और पुनर्निर्धारित ऋण, चाहे ऋण अतिदेय हुआ हो अथवा नहीं.
ख. निवेश ऋण के मामले में, इस प्रकार के ऋण की किस्तें अतिदेय (किस्तों पर लागू ब्याज सहित) हुई हों यदि ऋण
- i. 31 मार्च 2007 तक संवितरित और 31 दिसंबर 2007 को अतिदेय हुआ हो और 29 फरवरी 2008 तक जिसकी चुकौती न की गई हो;
- ii. केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेज के माध्यम से 2004 और 2006 में बैंकों द्वारा पुनःसंरचित और पुनर्निर्धारित किया गया हो और
- iii. प्राकृतिक आपदाओं के कारण लागू भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार 31 मार्च 2007 तक सामान्य परिस्थिति में पुनःसंरचित और पुनर्निर्धारित ऋण
ग. स्पष्टीकरण: यदि 31 मार्च 2007 तक संवितरित और अनर्जक आस्ति के रूप में वर्गीकृत अथवा ऐसा खाता जिसके मामले में मुकदमा दायर किया गया हो, उन मामलों में 31 दिसंबर 2007 तक केवल अतिदेय किस्तों की राशि पात्र होगी.
पात्र राशि में निम्नलिखित ऋण शामिल नहीं की जाएंगी:
- i. खड़ी फसल के अलावा कृषि उपज से संबन्धित दृष्टिबंधक या गिरवी के समक्ष लिए गए अग्रिमों और
- ii. कार्पोरेटों, साझेदारी फर्मों, सहकारी ऋण संस्थानों से इतर समितियों और इस प्रकार की अन्य संस्थाओं को कृषि वित्त.
- iii. इस योजना में निहित कोई भी बात 31 मार्च 1997 से पहले ऋण देने वाली किसी भी संस्था द्वारा संवितरित किसी भी ऋण पर लागू नहीं होती.
4. ऋण माफी और ऋण राहत
ऋण माफी
- लघु या सीमांत किसान के मामले में पूरी “पात्र राशि” माफ कर दी जाएगी.
ऋण राहत
- अन्य किसानों' के मामले में, एकबारगी निपटान (ओटीएस) योजना लागू होगी जिसके तहत किसान को 'पात्र राशि' की 25 प्रतिशत की छूट इस शर्त के अधीन दी जाएगी कि किसान 'पात्र राशि' के शेष 75 प्रतिशत का भुगतान करेगा.
- अनुबंध-I में सूचीबद्ध राजस्व जिलों के मामले में (एडीडब्ल्यूडीआरएस, 2008 योजना दिशानिर्देशों में संलग्न), ‘अन्य किसानों’ को 'पात्र राशि' का 25 प्रतिशत या 20,000 रुपये, जो भी अधिक हो, की ओटीएस राहत दी जाएगी, बशर्ते कि किसान द्वारा 'पात्र राशि' की शेष राशि का भुगतान किया जाना चाहिए.
5. कार्यान्वयन
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, शहरी सहकारी बैंकों और स्थानीय क्षेत्रों के बैंकों के संबंध में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक नोडल एजेंसी होगी.
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी ऋण संस्थानों के संबंध में इस योजना के लिए नाबार्ड नोडल एजेंसी होगा.
योजना का ऋण माफी भाग 30 जून 2008 को बंद कर दिया गया था.
योजना का ऋण राहत भाग 30 जून 2010 को बंद कर दिया गया था.
डाउनलोड के लिए लिंक: कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008- दिशानिर्देश