अनुसन्धान और विकास निधि
नाबार्ड अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के अनुसरण में बैंक द्वारा स्थापित अनुसन्धान और विकास निधि का लक्ष्य गहन अध्ययनों और अनुप्रयुक्त अनुसन्धान के माध्यम से कृषि और ग्रामीण विकास की समस्याओं के संबंध में नई अंतर्दृष्टि प्राप्त करना और तकनीकी तथा आर्थिक अध्ययनों से समर्थित नवोन्मेषी पद्धतियों के प्रयोग का प्रयास करना है.
The R&D Fund is utilised for formulating policies on matters of importance to agricultural operations and rural development, including facilities for training, dissemination of information and promotion of research by undertaking techno-economic studies and other surveys in the fields of agriculture, rural banking and rural development.
अनुसन्धान और विकास निधि का उपयोग कृषि, ग्रामीण बैंकिंग और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में तकनीकी- आर्थिक अध्ययनों और अन्य सर्वेक्षणों के संचालन के माध्यम से कृषि परिचालन और ग्रामीण विकास तथा साथ ही प्रशिक्षण सुविधाओं, जानकारी के प्रसार और अनुसन्धान के संवर्धन की दृष्टि से महत्वपूर्ण विषयों पर नीतियों के निर्माण के लिए किया जाएगा.
अनुसन्धान और विकास निधि की समूह निधि रु.50 करोड़ है.
अनुदान सहायता के लिए पात्र गतिविधियाँ:
- अनुसन्धान परियोजनाएँ और अध्ययन
- अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगोष्ठियाँ/ सम्मलेन/ विचार-गोष्ठियाँ, कार्यशालाएँ आदि
- सामयिक पत्र और अन्य प्रकाशनों की लागत
- पीठ इकाइयाँ
- घटक बैंकों के कार्मिकों को प्रशिक्षण देना
- ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम
अनुसन्धान और विकास निधि से सहायता-प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान
- कृषि बैंकिंग महाविद्यालय (सीएबी), पुणे
- बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड), लखनऊ, मंगलूर और बोलपुर
- भारतीय बैंकिंग प्रबंध संस्थान (आईआईबीएम), गुवाहाटी
- राष्ट्रीय कृषि बैंकिंग संस्थान (एनआईआरबी), बेंगलूरु