नाबार्ड की जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी अन्य पहलें

नाबार्ड ऐसी अनेक परियोजनाओं को सहयोग दे रहा है जिन्हें जलवायु वित्तपोषण के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है. नाबार्ड के संचयी संवितरण में से 28% से अधिक का संबंध जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन से है. नाबार्ड के विषय क्षेत्रों में से विशेष रूप से वानिकी, कृषि, पशुपालन, भूमि विकास, लघु सिंचाई आदि में ऐसी परियोजनाएँ/ घटक हैं जिनमें उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है. इनके अलावा, कृषि मशीनीकरण, स्वयं सहायता समूह, भण्डारण और मार्केट यार्ड आदि का भी कुछ हद तक जलवायु परिवर्तन अनुकूलन से संबंध है.

नाबार्ड के पाँच कार्यक्रम निम्नानुसार हैं: -

1. ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ)
2. जनजातीय विकास निधि (टीडीएफ)
3. समन्वित वाटरशेड विकास कार्यक्रम
4. प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन का छत्र (अम्ब्रेला) कार्यक्रम (यूपीएनआरएम)
5. नाबार्ड आधारभूत संरचना विकास सहायता (नीडा)

इन कार्यक्रमों ने ऐसी परियोजनाओं को सहयोग दिया है जिनमें उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है, जिनमें वानिकी, बायोगैस डाइजेस्टर, ग्रामीण ऊर्जा प्रबंधन (पम्प बदलना, एचवीडीएस आदि), नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा सक्षमता में सुधार.

अधिक जानकारी के लिए climate.change@nabard.org पर हमसे संपर्क करें.

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