दीर्घावधि सिंचाई निधि (एलटीआईएफ) की घोषणा केन्द्रीय बजट 2016–17 में की गई थी ताकि
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चिह्नित 99 मध्यम और बृहत् सिंचाई परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा किया जा सके. ये परियोजनाएँ 18
राज्यों में थीं. बाद में एलटीआईएफ में चार और परियोजनाओं को शामिल कर लिया गया, नामतः आंध्र प्रदेश में पोलवरम
परियोजना, बिहार और झारखण्ड में उत्तर कोयल परियोजना, सरहिंद और राजस्थान फीडरों की रिलाइनिंग और पंजाब में शाहपुर कंडी
डैम.
एलटीआईएफ के अंतर्गत नाबार्ड ने केंद्र के हिस्से और राज्यों के हिस्से के लिए ऋण दिया
है. केंद्र के हिस्से के समक्ष ऋण एनडब्ल्यूडीए को दिया गया है जो भारत सरकार का एक एसपीवी है, और राज्य के हिस्से के
समक्ष ऋण, सहभागी राज्य सरकार को दिया गया है.
2016-17 से 2020-21 तक नाबार्ड ने केंद्र और राज्य दोनों के हिस्से के समक्ष ऋण दिया
लेकिन 2021-22 से एलटीआईएफ निधीयन व्यवस्था केवल राज्य के हिस्से के लिए परिचालन में है. केंद्र के हिस्से की व्यवस्था
भारत सरकार के बजटीय संसाधनों से की जाती है.
31 अक्टूबर 2024 के अंत की स्थिति के अनुसार, मंजूर और जारी की गई संचयी ऋण राशि
क्रमश: ₹85,790.78 करोड़ (केंद्र का हिस्सा - ₹46,495.93 करोड़ और राज्यों का हिस्सा – ₹ 39,294.85 करोड़) और ₹61,396.47
करोड़ (केंद्र का हिस्सा - ₹26,500.60 करोड़ और राज्यों का हिस्सा – ₹34,895.87 करोड़) था. 31 अक्टूबर 2024 की स्थिति के
अनुसार, निधियों की राज्य-वार मंजूरी और निर्गम का विवरण निम्नानुसार है:
(₹ Crore)
क्र.सं |
राज्य |
मंजूर ऋण |
जारी ऋण |
|
|
केंद्र का हिस्सा |
राज्य का हिस्सा |
केंद्र का हिस्सा |
राज्य का हिस्सा |
1 |
आंध्र प्रदेश |
425.07 |
513.87 |
91.81 |
489.34 |
2 |
असम |
195.04 |
116.01 |
7.55 |
116.01 |
3 |
बिहार |
240.01 |
0 |
146.07 |
0 |
4 |
छत्तीसगढ़ |
165.73 |
80.07 |
62.79 |
0 |
5 |
गोवा |
17.60 |
209.95 |
3.84 |
209.941 |
6 |
गुजरात |
8158.50 |
3611.03 |
5635.45 |
3611.03 |
7 |
जम्मू और कश्मीर |
57.34 |
0 |
46.26 |
0 |
8 |
झारखण्ड |
1847.00 |
1020.44 |
756.73 |
768.1 |
9 |
कर्नाटक |
1837.336 |
0 |
1183.32 |
0 |
10 |
केरल |
48.71 |
0 |
2.69 |
0 |
11 |
मध्य प्रदेश |
3537.52 |
2863.18 |
811.10 |
1705.02 |
12 |
महाराष्ट्र |
4627.50 |
18021.31 |
1796.79 |
16121.77 |
13 |
मणिपुर |
309.86 |
390.37 |
228.35 |
370.02 |
14 |
ओडिशा |
1751.81 |
5614.22 |
1340.82 |
4605.3989 |
15 |
पंजाब |
143.71 |
0 |
70.5 |
0 |
16 |
राजस्थान |
1084.668 |
423.06 |
509.94 |
423.06 |
17 |
तेलंगाना |
3478.826 |
0 |
673.86 |
0 |
18 |
उत्तर प्रदेश |
4661.86 |
6431.34 |
1553.91 |
6431.18 |
|
उप-जोड़ |
32588.09 |
39294.85 |
14921.78 |
34895.87 |
19 |
पोलावरम |
11217.71 |
- |
10650.15 |
- |
20 |
उत्तर कोयल जलाशय (रिज़र्वायर) |
1378.61 |
- |
721.22 |
- |
21 |
शाहपुर कंडी डैम |
485.35 |
- |
207.45 |
- |
22 |
सरहिंद फीडर और राजस्थान फीडर की रिलाइनिंग |
826.17 |
- |
0.00 |
- |
|
सकल जोड़ |
46495.93 |
38631.45 |
26500.60 |
34895.97 |
अब तक राज्य के हिस्से के ऋण का लाभ 11 राज्यों ने लिया है. ये राज्य हैं – आंध्र प्रदेश, असम, झारखंड, गुजरात,
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गोवा.
31 मार्च 2024 की स्थिति के अनुसार, 99 परियोजनाओं में से, 58 परियोजनाओं का त्वरित क्षेत्र लाभान्वित कार्यक्रम
(एआईबीपी) घटक पूरा हो चुका है और 16 परियोजनाओं का कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (सीएडी एंड डब्ल्यूएम) घटक पूरा हो
चुका है.
एलटीआईएफ निधीयन व्यवस्था जो 31 मार्च 2021 तक परिचालन में थी, अब केवल चल रही परियोजनाओं (31 मार्च 2021 की स्थिति के
अनुसार 60 एआईबीपी और 85 सीएडी एंड डब्ल्यूएम परियोजनाओं) के लिए केवल राज्य के हिस्से के समक्ष ऋण के लिए वित्तीय वर्ष
2025-26 तक के लिए जारी रखी गई है.