जलवायु परिवर्तन निधि

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के निवारण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए नाबार्ड ने 2016-17 के दौरान अपने लाभ की राशि में से “जलवायु परिवर्तन निधि” की स्थापना की ताकि विशेष रूप से संधारणीय विकास का पोषण करते हुए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के निवारण में सहयोग दिया जाए. नाबार्ड प्रति वर्ष अपने लाभ से इस समूह निधि में अंशदान करता है.

“जलवायु परिवर्तन निधि” की स्थापना एक विकास वित्तीय संस्था के रूप में नाबार्ड की अपनी तरह की विशिष्ट पहल है जिसका उद्देश्य संधारणीय विकास का पोषण करना और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में सार्थक योगदान करना है.

उद्देश्य:

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का निवारण करने वाली गतिविधियों, अनुकूलन और शमन के उपायों, जागरूकता निर्माण, ज्ञान के आदान-प्रदान और संधारणीय विकास का संवर्धन करना और उन्हें सहयोग देना.

सहायता के लिए पात्र गतिविधियाँ:

  • जागरूकता निर्माण और जानकारी का प्रचार-प्रसार, उत्कृष्ट/ पारंपरिक प्रथाओं/ सफलता की कहानियों का दस्तावेजीकरण.
  • जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित विषयों/ क्षेत्रों पर सभी हितधारकों के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान हेतु देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाओं/ संगोष्ठियों, सम्मेलनों का आयोजन, एक्स्पोज़र दौरों सहित.
  • अडाप्टेशन फंड, ग्रीन क्लाइमेट फंड, राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन अनुकूलन निधि (एनएएफसीसी) तथा अन्य निधियों के लिए एनजीओ, राज्य सरकारों और अन्य कार्यनिष्पादक संस्थाओं हेतु परियोजना संकल्पना नोट (पीसीएन) और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में सहयोग देना.
  • जलवायु परिवर्तन से जुड़ी गतिविधियों के लिए आईटी सेवाओं और उत्पादों का विकास.
  • हितधारकों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण.
  • रणनीतिक कार्य अनुसन्धान/ अनुप्रयुक्त अनुसन्धान.
  • समान प्रकार के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ नेटवर्किंग और सहकार्य.
  • कमजोरी का आकलन.
  • संधारणीयता रिपोर्टें और रिपोर्टिंग प्रणाली तैयार करना.
  • अनुकूलन उपायों का नीतिगत पक्षपोषण.
  • लैंगिक मुद्दों का समाधान और आकलन.
  • प्रायोगिक पैमाने पर प्रयोगात्मक परियोजनाओं/ गतिविधियों/ सहयोगों का समर्थन.
  • अन्य गतिविधियाँ जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु सहन-क्षमता को बढ़ावा देती हों.

इस निधि के अंतर्गत सहायता के लिए नाबार्ड द्वारा चिह्नित प्राथमिकता क्षेत्रों को अधिमानता दी जाएगी.
संपर्क करें: fspd@nabard.org

हम क्या करते हैं