(i)
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संस्थागत कार्य और दायित्वों का विवरण
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सूक्ष्म ऋण नवोन्मेष विभाग
नाबार्ड, प्रधान कार्यालय, मुंबई
दूरभाष: Tel-022-26539244, फ़ैक्स: -022-26528141
ई-मेल: mcid@nabard.org
- नाबार्ड का सूक्ष्म ऋण नवोन्मेष विभाग स्वयं सहायता समूहों और संयुक्त देयता समूहों के माध्यम
से समाज के अंतिम छोर तक वित्तीय सेवाएँ सुकर रूप से पहुंचाने के लिए उपयुक्त उत्पाद और वितरण
प्रणालियों को तैयार करता है.
- भारत सरकार / भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित विभिन्न मंचों / समितियों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान
करना.
- नीति निर्धारण सुकर बनाने के लिए उत्कृष्ट प्रथाओं का प्रलेखन और ‘भारत में सूक्ष्म वित्त की
स्थिति’ सहित सामग्री का प्रकाशन.
- विभिन्न हितधारकों को क्षमता विकास के लिए सहायता प्रदान करना.
- नीति और कार्य-नीति / बाह्य संस्थाओं के साथ समन्वय / सहयोग / प्रशासन.
- क्षमता विकास / वित्तीय समावेशन निधि (एफ़आईएफ़) / स्वयं सहायता समूह / संयुक्त देयता समूहों के
लिए अनुदान सहायता / संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और चर्चा-सत्रों का आयोजन
- अध्ययन और प्रकाशन
- संयुक्त देयता समूहों के वित्तपोषण के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन.
- स्वयं सहायता समूहों का डिजिटाइज़ेशन – ई-शक्ति
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(ii)
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अधिकारियों और कर्मचारियों की शक्तियाँ और दायित्व
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स्वयं सहायता समूह – बैंक सहबद्धता कार्यक्रम के संवर्धन के लिए शक्तियों का प्रत्यायोजन तालिका का
उल्लेख निम्नानुसार है -
क्रम सं
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व्यय की मदें
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स्वयं सहायता समूह – बैंक सहबद्धता कार्यक्रम के लिए सहायता प्रदान करने के
लिए निधियों स्वीकृति हेतु शक्तियों का प्रत्यायोजन
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1
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स्वयं सहायता समूहों की सहबद्धता के संवर्धन और ऋण सहबद्धता हेतु प्रति संस्था
अनुदान सहायता
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सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रभारी अधिकारी 1000 स्वयं सहायता समूहों तक के लिए
अनुदान सहायता की स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं जबकि असम को छोड़ कर (सिक्किम सहित)
सभी पूर्वोत्तर क्षेत्र के कार्यालयों, अंडमान और निकोबार, गोवा राज्यों के प्रभारी
अधिकारी 500 तक स्वयं सहायता समूहों के लिए अनुदान सहायता की स्वीकृति प्रदान कर
सकते हैं.
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2
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प्रशिक्षण और क्षमता विकास आदि के लिए प्रति संस्था.
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प्रधान कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक – रु.15 लाख
क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक / प्रभारी अधिकारी रु.10 लाख तक
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स्वयं सहायता समूह – बैंक सहबद्धता कार्यक्रम के संवर्धन के लिए शक्तियों का
प्रत्यायोजन तालिका का उल्लेख निम्नानुसार है -
क्षेत्रीय कार्यालयों के परियोजना स्वीकृति समिति द्वारा संस्तुत उपर्युक्त प्रस्तावों से अधिक राशि
के प्रस्ताव अनुमोदन के लिए प्रधान कार्यालय में उच्च प्रबंधन व्यापार और अनुदान स्वीकृति समिति के
समक्ष प्रस्तुत की जाती है.
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(iii) |
पर्यवेक्षी चैनल सहित निर्णय लेने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया और जवाबदेही.
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नीति : आधार स्तर पर प्राप्त प्रतिसाद और ग्राहकों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के
आधार पर प्रधान कार्यालय के स्तर पर विभिन्न योजनाओं की नीति तैयार की जाती है.
कार्यान्वयन और अनुप्रवर्तन: क्षेत्रीय कार्यालयों और प्रधान कार्यालय के स्तर पर
योजनाओं का कार्यान्वयन और अनुप्रवर्तन किया जाता है.
वित्तीय लेनदेन : सभी प्रकार के वित्तीय लेनदेन समवर्ती लेखा-परीक्षा और भारतीय
रिज़र्व बैंक के निरीक्षण के अधीन होंगे.
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(iv)
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विभाग द्वारा अपने कार्यों के निर्वाह के लिए निर्धारित मानदंड
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भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राप्त दिशानिर्देश और नाबार्ड के नियम और विनयमन-तंत्र में कार्य
का निर्वाह किया जाता है. विभाग ने विस्तृत परिपत्र जारी किए हैं और इन अनुदेशों में उल्लिखित मानदंडों
के आधार पर मामलों की जांच की जाती है. अध्यक्ष अनुमोदित वार्षिक लक्ष्य क्षेत्रीय कार्यालयों को आबंटित
किए गए हैं और क्षेत्रीय कार्यालयों / प्रधान कार्यालय के स्तर पर आवधिक रूप से इनका अनुप्रवर्तन और
समीक्षा की जाती है. चूंकि ये लक्ष्य क्षेत्रीय कार्यालय-वार / विभाग-वार होते हैं आकस्मिक घटकों को
ध्यान में रखते हुए इनकी रेटिंग की जाती है.
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(v)
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अपने कार्य के निर्वाह के लिए अपने पास या अपने नियंत्रण में रखे अथवा उसके कर्मचारियों के उपयोग हेतु
रखे नियम, विनियम, अनुदेशों, मैन्युअल और अभिलेख.
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मामलों / प्रस्तावों के निपटान के लिए स्टाफ़ परिपत्रों, दिशानिर्देशों की भौतिक / सॉफ़्ट प्रतियों की
सहायता लेते हैं जोकि क्षेत्रीय कार्यालयों / प्रधान कार्यालय में और https://www.nabard.org/circulars.aspx?cid=504&id=24 कारपोरेट इंट्रानेट
पर उपलब्ध है.
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(vi)
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अपने पास रखे या अपने नियंत्रण में रखे अभिलेखों की श्रेणियों का विवरण
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परियोजना से संबंधित प्रलेख, नियम व शर्तों की स्वीकृति और अनुदान जारी करने संबंधी प्रलेख जैसी भी
स्थिति हो, प्रधान कार्यालय / क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर रखे जाते हैं.
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(vii)
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संस्था की नीति निर्माण या इसके कार्यान्वयन में जनसामान्य या उनके प्रतिनिधि सदस्यों के साथ विचार –
विमर्श की किसी व्यवस्था का विवरण
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विभिन्न स्तरों पर जागरूकता लाने के लिए तथा विभिन्न हितधारकों से प्रतिसाद प्राप्त करने के लिए
संगोष्ठियों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं का नियमित रूप से आयोजन किया जाता है.
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(viii)
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सलाह देने के लिए दो या अधिक व्यक्तियों को लेकर गठित मंडलों, परिषदों, समितियों और अन्य संस्थाओं की
विवरणी और इस बात की जानकारी कि क्या इन मंडलों, परिषदों, समितियों और अन्य संस्थाओं की बैठकें आम आदमी
के लिए खुली हैं या इस प्रकार की बैठकों के कार्यवृत्त जनसामान्य के लिए उपलब्ध हैं.
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स्वयं सहायता समूह – बैंक सहबद्धता कार्यक्रम कार्यनीति मण्डल
“स्वयं सहायता स्समूहों के लिए विकास वित्तीय संस्था के गठन हेतु विशेषज्ञ समूह” किस सिफ़ारिश के आधार पर
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नाबार्ड में वर्ष 2015 में स्वयं सहायता समूह – बैंक सहबद्धता समूह पर सलाहकार
मण्डल का गठन किया. सलाहकार मण्डल के अध्यक्ष उप प्रबंध निदेशक, नाबार्ड हैं और इसमें स्वयं सहायता समूह
– बैंक सहबद्धता कार्यक्रम के निम्नलिखित विभिन्न हितधारकों के 17 सदस्य हैं:
क्रम सं |
संस्था |
सदस्यों की संख्या |
टिप्पणी |
1 |
नाबार्ड |
2 |
1. मण्डल के सदस्य के रूप में उप प्रबंध निदेशक.
2. संयोजक और सदस्य-सचिव के रूप में मुख्य महाप्रबंधक, सूक्ष्म ऋण नवोन्मेष विभाग.
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2 |
संयुक्त सचिव, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार |
1 |
स्थायी सदस्य |
3 |
मुख्य कार्यपालक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन |
1 |
स्थायी सदस्य |
4 |
मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय समावेशन विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक |
1 |
स्थायी सदस्य |
5 |
मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक |
1 |
स्थायी सदस्य |
6 |
महाप्रबंधक, प्राथमिक क्षेत्र, वाणिज्या बैंक (02 सार्वजनिक बैंक, 01 निजी क्षेत्र
बैंक) |
3 |
रोटेशन आधार पर दो वर्ष का कार्यकाल |
7 |
अध्यक्ष, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक |
2 |
रोटेशन आधार पर दो वर्ष का कार्यकाल |
8 |
स्वयं सहायता समूह बैंक सहबद्धता कार्यक्रम में सक्रिय रूप से संलग्न राज्य सहकारी
बैंक / ज़िला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी |
2 |
रोटेशन आधार पर दो वर्ष का कार्यकाल |
9 |
सूक्ष्म वित्त के प्रमुख व्यावसायिक / उद्योग विशेषज्ञ |
4 |
2 नाबार्ड द्वारा नामित 2 राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा नामित |
सूक्ष्म ऋण नवोन्मेष विभाग निदेशक मंडलों / समितियों से मार्गदर्शन और सलाह मिल रहा है. इन निदेशक
मंडलों / समितियों की बैठकों के कार्यवृत्त जन सामान्य के लिए उपलब्ध नहीं हैं.
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(ix)
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अधिकारियों और कर्मचारियों की निर्देशिका – डिरेक्टरी
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अधिकारियों और कर्मचारियों की
निर्देशिका
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(x)
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अपने प्रत्येक अधिकारियों और कर्मचारियों के मासिक पारिश्रमिक और अपने विनियमनों में की गई पारिश्रमिक
प्रणाली
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यहाँ क्लिक करें
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(xi)
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सभी आयोजनों, प्रस्तावित व्यय का विवरण दर्शाते हुए अपनी प्रत्येक संस्था के लिए आबंटित बजट और किए गए
वितरणों के रिपोर्ट्स
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वार्षिक आधार पर बजट का निर्णय किया जाता है. आधार स्तर से उच्च स्तर के दृष्टिकोण को अपनाकर क्षेत्रीय
कार्यालयों / प्रशिक्षण संस्थाओं और प्रधान के लिए लक्ष्यों / बजट का आबंटन किया जाता है. प्रधान
कार्यालय के स्तर पर इसे एकत्रित किया जाता है और मासिक आधार पर अनुप्रवर्तन किया जाता है
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(xii)
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उपदान (सब्सिडी) कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की कार्यपद्धति और इस प्रकार के कार्यक्रमों के लाभार्थियों
की विस्तृत जानकारी और आबंटित राशि
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लागू नहीं
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(xiii)
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उपदान (सब्सिडी) कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की कार्यपद्धति और इस प्रकार के कार्यक्रमों के लाभार्थियों
की विस्तृत जानकारी और आबंटित राशि
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स्वयं सहायता समूह, ग़ैर सरकारी संगठन, बैंकों, सहकारी संस्थाएं, संघ, ग़ैर-सरकारी संगठन-सूक्ष्म वित्तीय
संस्थाएं, विकास विभाग.
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(xiv)
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संस्था के पास उपलब्ध या उसके पास रखी या इलेक्ट्रानिक रूप में रखी जानकारी का विवरण
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सूक्ष्म ऋण नवोन्मेष विभाग की विभिन्न योजनाएँ, स्वयं सहायता समूहों / संयुक्त देता समूहों / संवितरणों
आदि संबंधी आंकड़े वेबसाइट के सूक्ष्म वित्त पृष्ठ https://www.nabard.org/about-departments.aspx?id=5&cid=477 पर उपलब्ध
हैं.
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(xv)
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यदि जनसामान्य के लिए उपलब्ध वाचनालय या पुस्तकालय हो तो उसके कार्य समय की जानकारी प्राप्त करने के लिए
नागरिकों को उपलब्ध सुविधाओं का विवरण
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जैसा कि ऊपर बताया गया है, सूक्ष्म ऋण नवोन्मेष विभाग की गतिविधियों की जानकारी हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध
है.
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(xvi)
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जन सूचना अधिकारियों के नाम, पदनाम और अन्य विवरण
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इस लिंक पर उपलब्ध है
सूचना अधिकार अधिनियम
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(xvii)
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ऐसी कोई अन्य निर्धारित जानकारी और उसका वार्षिक अद्यतनीकरण
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विभाग वार्षिक आधार पर ‘भारत में सूक्ष्म वित्त की स्थिति’ पुस्तिका का प्रकाशन करता है.
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