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कोलकाता में नाबार्ड के उत्कृष्ट प्रदर्शन को जो भूरि-भूरि प्रशंसा मिली, उसे देखते हुए वित्त मंत्रालय और भारतीय रिज़र्व बैंक ने जेडब्ल्यू मैरियट, गोल्फशायर, नंदी हिल्स, बेंगलूरु में 22 से 25 फरवरी 2023 को आयोजित एफसीबीडी और एफएमसीबीजी की बैठकों के परिपार्श्व में नाबार्ड को डिजिटल वित्तीय समावेशन की प्रदर्शनी के लिए आमंत्रित किया.

‘वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल नवोन्मेष’ पर प्रदर्शनी में यूआईडीएआई, एनपीसीआई, सिडबी और आरएक्सआईएल ने भी सहभागिता की, जबकि रिज़र्व बैंक के सीबीडीसी, ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने पहली बार सहभागिता की. सभी संस्थाओं ने संवादात्मक तरीके से अपने वित्तीय समावेशन प्रयासों का प्रदर्शन किया.

श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक नाबार्ड के स्टॉल पर

नाबार्ड के प्रदर्श ने एक बार फिर प्रदर्शनी के मानक तय किए. कोलकाता के अनुभव के बाद अपना स्तर और ऊँचा उठाते हुए हमारे स्टॉल पर विभिन्न राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों से संबंधित 100 से अधिक वीडियो और कहानियों को प्रदर्शित किया गया. विषयों को हमारे प्रमुख प्रयासों के हिसाब से वर्गीकृत किया था , अर्थात् बैंकिंग प्रौद्योगिकी को अपनाना (माइक्रो एटीएम का उपयोग कर), मोबाइल एटीएम डेमो वैन, वित्तीय साक्षरता के प्रयास और एसएचजी/ जेएलजी के माध्यम से वित्तीय समावेशन. इन सबको टच-स्क्रीन पैनलों और समर्पित हेडसेटों की सहायता से प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया. इस प्रदर्शनी में आगंतुकों को अब सुपरिचित हो चुके इन्फो-फाउंटेन का उपयोग करते हुए थोक में और व्यक्तिगत आवश्यकता के अनुसार, डाउनलोड की विद्यमान सुविधा के अतिरिक्त प्रत्येक प्रदर्श संपार्श्व के लिए अलग क्यूआर कोड उपलब्ध कराया गया.

इस प्रदर्शनी को और आकर्षक बनाने वाला एक नया काम रहा माइक्रो एटीएम से नकदी निकालने की प्रक्रिया को प्रदर्शित करता एक एनिमेटेड वीडियो और साथ ही नाबार्ड की यात्रा के महत्त्वपूर्ण पड़ावों को प्रदर्शित करता एनिमेशन प्रदर्शित करना.

आगंतुक प्रतिनिधियों ने जी20 पर टैबलेट्स के माध्यम से आयोजित एक संवादपरक क्विज़ में भी उत्साहपूर्वक भाग लिया जिसकी काफी माँग रही. क्विज़ में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों को एक हस्तनिर्मित स्मृति-चिह्न (लकड़ी का हस्तनिर्मित हाथी जिसकी खरीद और पैकेजिंग हमारे कर्नाटक क्षेत्रीय कार्यालय ने की) दिया गया. साथ ही एक टिकाऊ पदार्थ से निर्मित एक कोस्टर भी ले जाने के लिए दिया गया जिस पर एक ओर डिजिटल वित्तीय समावेशन पर एक संदेश था और दूसरी ओर एक क्यूआर कोड था जिसमें वित्तीय समावेशन पर हमारे सबसे अच्छे वीडियोज़ और सफलता की कहानियों में से 18 को समाहित किया गया था. इन्हें व्यापक सराहना मिली.

यूरोपियन सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष सुश्री क्रिस्टीन लागार्डे
भारत के माननीय प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव श्री प्रमोद कुमार मिश्र नाबार्ड के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए
श्री विवेक जोशी, सचिव, वित्तीय सेवाएँ विभाग, भारत सरकार प्रशंसा-चिह्न प्राप्त करते हुए

नाबार्ड के स्टॉल पर बड़ी संख्या में देश के भीतर और बाहर के वित्तीय क्षेत्र के अतिविशिष्ट व्यक्ति पधारे और प्रदर्शों का आनंद लिया.

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर डॉ. शक्तिकान्त दास पहले ही दिन हमारे स्टॉल पर पधारे और नाबार्ड टीम के साथ पर्याप्त समय तक संवाद किया. उन्होंने हमारे स्टॉल पर प्रदर्शित विविध सामग्री में काफी दिलचस्पी ली.

हमारे स्टॉल पर आने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे - भारत के माननीय प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव श्री प्रमोद कुमार मिश्र, वित्तीय सेवाएँ विभाग के सचिव श्री विवेक जोशी, आर्थिक कार्य विभाग के सचिव श्री अजय सेठ, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री टी रवि शंकर, वित्तीय सेवाएँ विभाग की अवर सचिव सुश्री पार्वती कटारिया, भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रभारी सलाहकार डॉ. महुआ रॉय, सिडबी के उप प्रबंध निदेशक श्री सुदत्त मण्डल, भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री अनिल के शर्मा और कार्यपालक निदेशक श्री अजय कुमार चौधरी और आईसीआईसीआई के कार्यपालक निदेशक श्री राकेश झा.

आगंतुक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों में प्रमुख थे – यूरोपियन सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष सुश्री क्रिस्टीन लागार्डे, जर्मनी के वित्त मंत्रालय की सुश्री सुजान, संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी विभाग के श्री जेकब ओवेन्स और सेंट्रल बैंक ऑफ इटली, सेंट्रल बैंक ऑफ मारीशस, नाइजीरिया के मंत्रालय तथा सेंट्रल बैंक ऑफ चाइना के प्रतिनिधि. हमारे स्टॉल पर उपलब्ध पेपरलेस डिस्प्ले प्लेटफॉर्म को काफी सराहा गया क्योंकि आगंतुक संवादपरक पैनलों और ‘इन्फो-फाउंटेन’ समर्थित क्यूआर कोड के माध्यम से अपने मोबाइल पर एक ही बार में वीडियो, सफलता की कहानियों और इन्फोग्राफिक्स को डाउनलोड करने में समर्थ हुए.

इस प्रकार, सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों को वित्तीय समावेशन के दायरे में लाने के अभियान को आगे बढ़ाने में डिजिटल नवोन्मेष के अंगीकरण को नाबार्ड ने सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया.

संवादपरक क्विज़ में भाग लेते हुए प्रतिनिधि