श्री शाजी के वी ने 7 दिसंबर 2022 को नाबार्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया. इसके पूर्व वे 21 मई 2020 से
नाबार्ड के उप प्रबंध निदेशक के रूप में सेवा दे रहे थे. प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के कंप्यूटरीकरण की
महत्त्वकांक्षी योजना की अवधारणा तैयार करने के साथ-साथ सॉफ्टवेयर-आधारित पर्यवेक्षकीय निरीक्षण, डाटा-वेयरहाउस, प्रोसेस
री-इंजीनियरिंग और जोखिम प्रबंधन पद्धतियों के कार्यान्वयन में उनका मार्गदर्शन और सहयोग प्रमुख कारक रहा. उनके मार्गदर्शन
में पुनर्वित्त जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक का सर्वोच्च व्यवसाय स्तर हासिल किया, और वित्त
विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि बाजार से संगृहीत संसाधनों का दक्षतापूर्ण उपयोग तथा औचित्यपूर्ण नियोजन हो.
नाबार्ड में कार्यभार लेने के पूर्व उन्होंने 26 वर्षों तक केनरा बैंक में विभिन्न पदों पर जिम्मेदारियाँ निभाईं. केनरा
बैंक में उन्होंने अपना दायित्व कॉर्पोरेट कार्यालय में निभाया जहाँ रणनीति, आयोजना और व्यवसाय विकास के प्रभारी के रूप
में उन्होंने सिंडीकेट बैंक के केनरा बैंक में समामेलन की परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया.
श्री शाजी के वी को, देश के सबसे बड़े तत्कालीन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अर्थात् केरल ग्रामीण बैंक और नैबकिसान फिनान्स
लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में अनुभव के अलावा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस
कंपनी लिमिटेड और केनरा बैंक सिक्योरिटीज़ लिमिटेड का लगभग 10 वर्षों का निदेशक मण्डल स्तर का व्यापक अनुभव है.
वे राष्ट्रीय स्तर की अनेक विशेषज्ञ समितियों/ कार्य समूहों के सदस्य रहे हैं जिनमें कृषि मूल्य शृंखला वित्तपोषण पर
कार्य समूह, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के भविष्य का मार्ग सुझाने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति, सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज पर
तकनीकी समूह, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा आईपीओ के लिए दिशानिर्देश का प्रारूप तैयार करने वाली समिति, एटीएम की लागत
में साझेदारी पर समिति आदि शामिल हैं.
श्री शाजी कृषि में स्नातकोत्तर हैं और ट्रेजरी, निवेश और जोखिम प्रबंधन में डिप्लोमा के साथ-साथ भारतीय प्रबंध संस्थान
(आईआईएम), अहमदाबाद से लोक नीति में पीजीडीएम धारक हैं. उन्होंने आईआईबीएफ से सीएआईआईबी किया है और एनएसई-प्रमाणित मार्केट
प्रोफेशनल (एनसीएमपी) भी हैं.