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निदेशक मंडल

सुश्री रेवती अय्यर
निर्देशक

सुश्री रेवती अय्यर एक पूर्व उप नियंत्रक और महालेखा परीक्षक - सरकारी लेखा (दिसंबर 2013 - मई 2014) थीं। इससे पहले, वह अतिरिक्त उप नियंत्रक और महालेखा परीक्षक - पूर्वी राज्य (सितंबर 2012 - दिसंबर 2013) थीं और आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी राज्यों के खातों पर सीएजी ऑडिट रिपोर्ट के लिए जिम्मेदार थीं। अक् तूबर 2007 से मार्च 2012 के दौरान सुश्री अय्यर ने परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार में संयुक् त सचिव के रूप में कार्य किया, जो विभाग के कार्यक्रम/गतिविधियों की नीति, बजट और कार्यान् वयन का निर्माण/पर्यवेक्षण कर रही थीं।

सुश्री रेवती अय्यर 1980 में भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा में शामिल हुईं और महाराष्ट्र और दिल्ली लेखा और लेखा परीक्षा कार्यालय (1981-1984) में सहायक महालेखाकार, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश (1984-1990) में फील्ड ऑडिट और लेखा कार्यालयों में उप महालेखाकार / वरिष्ठ उप महालेखाकार, उप सचिव (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) (1990-1994) जैसे पदों पर रहीं। सहायक। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (1994-1996), प्रधान/मुख्य लेखा परीक्षक (मध्य रेलवे- जुलाई 1996 - जुलाई 1998) और उत्तर रेलवे (जुलाई 1998-मार्च 2001), प्रधान निदेशक (स्टाफ) (अप्रैल 2003-मार्च 2005), वाणिज्यिक लेखा परीक्षा के प्रधान निदेशक और पदेन सदस्य, लेखा परीक्षा बोर्ड-II, मुंबई (अप्रैल 2005-अक्टूबर 2007)।

सुश्री अय्यर सरकारी लेखा मानक सलाहकार बोर्ड (जीएएसएबी) की अध्यक्ष थीं, जिसका गठन 2020 में सरकारी लेखांकन के मानकों को औपचारिक रूप देने और समान सामान्य लेखा मानकों की छतरी के तहत सरकार के विभिन्न विंगों में लेखा प्रणाली और प्रक्रियाओं को एकीकृत करने के लिए किया गया था।

सेवानिवृत्ति के बाद, वह सितंबर 2015 से मार्च 2017 तक एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ (एनफोर्सिंग हेल्थ) में निदेशक, वित्त और संचालन के रूप में काम करती हैं।

28 मई, 1954 को जन्मी, सुश्री अय्यर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की है।